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क्यों भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए किसी दूसरे के जूते-चप्पल?

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मिश्रा जी से सीखें लाइफ मैनेजमेंट

सिहोर मध्य प्रदेश के पं. प्रदीप मिश्रा अक्सर अपने प्रवचनों के दौरान लाइफ मैनेजमेंट के सूत्र बताते हैं। ये बातें सुनने में भले ही छोटी लगे, लेकिन इनके पीछे गहरा रहस्य छिपा होता है।  

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पिछले दिनों एक प्रवचन के दौरान पं. प्रदीप मिश्रा ने बताया कि क्यों कभी किसी दूसरे के जूते-चप्पल नहीं पहनना चाहिए, इससे क्या नुकसान हो सकते हैं। आगे जानिए क्या कहा मिश्रा जी ने…

 

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भूलकर भी न करें ये गलती

पं. प्रदीप मिश्रा ने बताया कि ‘यदि आप किसी कार्यक्रम में जाएं और आपके जूते-चप्पल गुम हो जाएं तो किसी दूसरे के जूते-चप्पल पहनकर न आएं। ये सबसे बड़ी गलती हो सकती है।’

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आपके साथ हो सकता है कुछ बुरा

पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार, यदि आप किसी दूसरे के जूते-चप्पल पहनते हैं तो उसका काल यानी बुरा समय भी आपके साथ हो जाता है। ऐसे में आपके जीवन में कईं परेशानी आ सकती है। 

 

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घटना-दुर्घटना का हो सकते हैं शिकार

पं. मिश्रा के अनुसार, किसी दूसरे के जूते-चप्पल पहनने से आप किसी घटना-दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। जो घटना किसी दूसरे के साथ होने वाली थी, वो आपके साथ हो सकती है।
 

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गलती से भी न करें ये भूल

पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार, इसलिए भूलकर भी कभी किसी दूसरे के जूते-चप्पल जान-बूझकर या गलती से भी नहीं पहनना चाहिए। शास्त्रों में भी इन बातों को निषेध कहा गया है। 
 

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