Spirituality
मथुरा-वृंदावन के लोग जब भी राधारानी का नाम लेते हैं तो साथ में जू जरूर बोलते हैं, जैसे लाड़ली जू और श्यामा जू आदि। अगर आप इसका कारण नहीं जानते आगे जानिए…
मथुरा-वृंदावन ब्रज मंडल के अंतर्गत आता है। यहां की स्थानीय भाषा अन्य स्थान की भाषा से काफी अलग है। जैसे यहां मेरी की जगह मोरी शब्द का उपयोग होता है जैसे मैया मोरी।
इसी तरह यहां देवी-देवताओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए जी के स्थान पर जू शब्द का उपयोग किया जाता है जैसे लाड़ली जू, किशोरी जू या राधा जू।
बिना जू शब्द साथ में बोले मथुरा-वृंदावन में राधा रानी का नाम नहीं लिया जाता क्योंकि ये यहां की एक परंपरा बन चुका है। ये परंपरा काफी पुरानी भी है।
हिंदी व्याकरण में ‘जू’ का क्या अर्थ है- महान, दयालु, उदार और मृदुभाषी। यही कारण है कि भगवान केनाम के साथ जू शब्द का उपयोग मथुरा-वृंदावन में जरूर किया जाता है।
‘जू’ एक आदरसूचक शब्द भी है जो ब्रज, बुंदेलखंड, राजपूताना आदि में बडे़ लोगों के नाम के साथ लगाया जाता है।