मथुरा-वृंदावन में राधारानी के नाम के बाद ‘जू’ क्यों बोलते हैं?
spirituality Feb 24 2024
Author: Manish Meharele Image Credits:adobe stock
Hindi
क्यों बोलते हैं राधा ‘जू’?
मथुरा-वृंदावन के लोग जब भी राधारानी का नाम लेते हैं तो साथ में जू जरूर बोलते हैं, जैसे लाड़ली जू और श्यामा जू आदि। अगर आप इसका कारण नहीं जानते आगे जानिए…
Image credits: wikipedia
Hindi
ब्रज की भाषा है अलग
मथुरा-वृंदावन ब्रज मंडल के अंतर्गत आता है। यहां की स्थानीय भाषा अन्य स्थान की भाषा से काफी अलग है। जैसे यहां मेरी की जगह मोरी शब्द का उपयोग होता है जैसे मैया मोरी।
Image credits: adobe stock
Hindi
सम्मान सूचक है जू शब्द
इसी तरह यहां देवी-देवताओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए जी के स्थान पर जू शब्द का उपयोग किया जाता है जैसे लाड़ली जू, किशोरी जू या राधा जू।
Image credits: adobe stock
Hindi
परंपरा बन चुका है ये शब्द
बिना जू शब्द साथ में बोले मथुरा-वृंदावन में राधा रानी का नाम नहीं लिया जाता क्योंकि ये यहां की एक परंपरा बन चुका है। ये परंपरा काफी पुरानी भी है।
Image credits: adobe stock
Hindi
व्याकरण में जू का अर्थ
हिंदी व्याकरण में ‘जू’ का क्या अर्थ है- महान, दयालु, उदार और मृदुभाषी। यही कारण है कि भगवान केनाम के साथ जू शब्द का उपयोग मथुरा-वृंदावन में जरूर किया जाता है।
Image credits: wikipedia
Hindi
यहां भी होता है जू का उपयोग
‘जू’ एक आदरसूचक शब्द भी है जो ब्रज, बुंदेलखंड, राजपूताना आदि में बडे़ लोगों के नाम के साथ लगाया जाता है।