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गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा करते समय भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां

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प्रेमानंद महाराज करते हैं शंका का समाधान

वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों के माध्यम से लोगों की हर छोटी-बड़ी शंका का समाधान करते हैं। यही कारण है उनके प्रवचनों को सुनने के लिए रोज हजारों भक्त आते हैं।

 

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जानें गिरिराजजी की परिक्रमा के नियम

जो मथुरा में गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा करने आते हैं, उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इसके बार में भी प्रेमानंद महाराज ने बताया है।  जानिए गिरिराजजी की परिक्रमा कैसे करें… 
 

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दाहिनी ओर न करें ये काम

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा दाहिनी ओर से की जाती है, इसलिए इस ओर कुल्ला न करें, थूके नहीं, मल-मूल का त्याग न करें। दाहिन ओर ये काम कर सकते हैं।

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मौन रहकर करें परिक्रमा

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा मौन रहकर करें। भगवान के नाम का स्मरण मन में कर सकते हैं। या फिर कीर्तन करते हुए भी परिक्रमा की जा सकती है।

 

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किसी तरह का नशा न करें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, गिरिराजजी की परिक्रमा करते समय किसी भी तरह का नशा आदि जैसे तंबाकू, सिगरेट-बीड़ी न करें। ऐसा करने से परिक्रमा का पूरा फल नहीं मिल पाता।

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नंगे पैर करें परिक्रमा

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, गिरिराजजी की परिक्रमा जूते-चप्पल पहनकर न करें, इससे दोष लगता है। गिरिराजजी साक्षात श्रीकृष्ण का स्वरूप हैं इसलिए जूते-चप्पल परिक्रमा न करें।

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इस बात का भी रखें ध्यान

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, वाहन आदि पर बैठकर गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा न करें, इससे आपको सिर्फ दर्शन का ही फल मिलेगा। अगर कोई बीमार है तो उसके लिए कोई बाध्यता नहीं है। 

 

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ये काम कर सकते हैं


प्रेमानंद महाराज के अनुसार, गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा करते समय थकान होने पर बीच में थोड़ी देर बैठकर आराम कर सकते हैं। भोजन आदि भी कर सकते हैं, लेकिन बाईं ओर बैठकर।

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