Spirituality
एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि ‘क्या किसी की दुआ-बद्दुआ हम पर असर डालती है?’ तब महाराज श्री ने सहज भाव से इसका उत्तर दिया। जानिए क्या कहा प्रेमानंद महाराज ने…
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘दुआ-बद्दुआ का साधारण अर्थ है वरदान और श्राप। वरदान यानी अच्छा बोलना और आशीर्वाद देना। वहीं बद्दुआ का अर्थ है किसी के प्रति बुरा बोलना।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘अगर हमारे कर्म अच्छे हैं तो किसी की बद्दुआ भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। वहीं अगर हम किसी का बुरा करेंगे तो कोई दुआ हमारा अच्छा नहीं करेगी।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘कोई हमें कितनी भी दुआ-बद्दुआ दे, उसका हमारे जीवन पर कभी कोई प्रभाव नहीं होता। जीवन में हमें हमारे कर्मों का फल ही भुगतना होता है।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि‘ जो लोग अच्छे भाव और भगवद् चिंतन के लिए यहां आते हैं, उन्हें जीवन में शुभ फल मिलते हैं। इस शुभ फल का कारण कोई और नहीं बल्कि वे स्वयं होते हैं।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि‘ जो लोग भगवान में आस्था नहीं रखते और बुरे कर्मों में लिप्त होते हैं, उनके जीवन में परेशानियां बनी रहती हैं। इसका कारण भी वे स्वयं ही होते हैं।