प्रेमानंद महाराज ने बताया है कि भगवान कैसे मिलते हैं? उनकी विशेष कृपा कैसे प्राप्त होती है। आइए बारे में जानते हैं।
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आप चाहेंगे तभी भगवत प्राप्ति
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि आप नहीं चाहेंगे तो कोई भी आपको भगवत प्राप्ति नहीं करा सकता। भगवान से मिलन के लिए उपदेश का पालन करके और कृपा बल से चला जाता है।
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आशीर्वाद से नहीं प्रयास से
वह कहते हैं कि चलना खुद को होता है। कोई कितना भी सिद्ध हो। ऐसा नहीं हो सकता है कि वह आशीर्वाद दे और भगवत प्राप्ति हो जाए।
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नाटक और दिखावा से बचें
उनके मुताबिक, आजकल चित्रों में दिखाते हैं कि आशीर्वाद के बाद तेज निकल रहा है और भगवत प्राप्ति हो गई। यह सब नौटंकी—नाटक है।
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मन से संघर्ष
भगवान से मिलन के लिए सत्यता में आपको अपने मन से लड़ना पड़ेगा। भजन करना पड़ेगा। गंदी बातें सोचना, बोलना, देखना, सुनना और करना रोकना पड़ेगा। तब अध्यात्म में आप आगे बढ़ेंगे।
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संतों का संग मिलना विशेष कृपा
वह कहते हैं कि इसमें किसी का आशीर्वाद काम नहीं करता है। संतों का संग मिलना ही भगवान की विशेष कृपा है। अब इन सब चीजों को अपने व्यवहार में धारण करो तो आपका जीवन बदल जाएगा।