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भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के नए क्वालिटी स्टैंडर्ड से 1 अगस्त से जूते, चप्पल और सैंडल महंगे हो सकते हैं। जानें इन नए मानकों का असर और किस तरह यह आपकी जेब पर पड़ेगा।
BIS ने मार्केट में बिकने वाले सभी जूतों, चप्पल के लिए नए क्वालिटी स्टैंडर्ड जारी किए हैं। नए मानकों के आधार पर बने जूते ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होंगे, लेकिन ज्यादा महंगे भी होंगे।
BIS ने साफ कर दिया है कि नए रूल का पालन नहीं करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की जा सकती है। इस नए नियम से छोटी कंपनियों को राहत मिली है।
50 करोड़ से कम टर्नओवर वाली कंपनियों को अभी इन मानकों से बाहर रखा गया है। पुराने स्टॉक वाले जूते भी इसके दायरे से बाहर हैं, लेकिन इनकी डिटेल BIS की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।
नए रूल के मुताबिक जूता कंपनियों को अब BIS के दो नए मानकों IS 6721 व IS 10702 का पालन करना होगा। इस नए रूल से जूतों की कीमतों में बढ़ेंगे, क्योंकि कंपनियों की कास्ट बढ़ेगी।
1 अगस्त से जूतों से जुड़ी 46 चीजों पर BIS के नए नियम लागू होंगे। ब्यूरो ने लोगों को जानकारी देने के लिए इन नियमों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
नए रूल्स के अनुसार जूतों में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे रेक्सीन, इनसोल और लाइनिंग की जांच की जाएगी। जूते के बाहरी हिस्से की भी सख्ती से जांच की जाएगी।
अच्छे मटीरियल के यूज से जूते की कास्ट बढ़ेगी। लेकिन ब्यूरो ने अभी तक यह नहीं बताया कि नए मानकों के लागू होने के बाद जूते कितने महंगे हो जाएंगे या इस बढ़ोतरी को कैसे कम किया जाएगा।
BIS वस्तुओं, प्रक्रियाओं, प्रणालियों और सर्विसेज के लिए अच्छे रूल बनाता और चेक करता है। सामान तय नियमों के मुताबिक बना है या नहीं और अच्छा है या नहीं, की भी चेकिंग करता है।