जीवन में दुख आने के असली कारण, प्रेमानंद महाराज से जानें
Image credits: facebook
क्या हैं दुख के असली कारण
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि एक किसान की फसल खराब हो गई, व्यक्ति कहीं फेल हो गया तो अपनी जान ले ली।
Image credits: facebook
एक सेल्फी में अपनी जान देना अज्ञानता
वह कहते हैं कि अपने जीवन को कैसा बना रहे हो। एक सेल्फी में अपनी जान दे रहे हो। यह अज्ञान ही तो है।
Image credits: facebook
सुख की वजह से संबंध खत्म होने पर हाय-हाय
उन्होंने कहा कि एक गांव में भैंस के मरने पर पूरा परिवार रो रहा था, क्योंकि उसी भैंस के दूध से काम चल रहा था। मानो सब खत्म हो गया। वह हाय-हाय कर रहा है।
Image credits: facebook
पीड़ा में पराजित
वह कहते हैं कि भगवान का अंश अपने अस्तित्व को न जानने के कारण छोटी छोटी वस्तु, पदार्थ या किसी पीड़ा में परिजित हो गया। शरीर को नष्ट कर दिया।
Image credits: facebook
दुख की वजह अज्ञान
प्रेमानंद जी कहते हैं कि अज्ञान हमारा नाश कर रहा है। डिप्रेशन में ले जा रहा है। चिंता और दुख में ले जा रहा है।
Image credits: facebook
भजन कर नष्ट करो अज्ञान
उनका कहना है कि भगवान का भजन करके अज्ञान को नष्ट करो। तुम्हारे और दूसरे की मृत्यु का दुख दूर हो जाएगा। यदि भजन करके अज्ञान को नष्ट नहीं किया तो दुख ही दुख है।