जीवन में दुख आने के असली कारण, प्रेमानंद महाराज से जानें
utility-news Aug 28 2024
Author: Rajkumar Upadhyaya Image Credits:facebook
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क्या हैं दुख के असली कारण
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि एक किसान की फसल खराब हो गई, व्यक्ति कहीं फेल हो गया तो अपनी जान ले ली।
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एक सेल्फी में अपनी जान देना अज्ञानता
वह कहते हैं कि अपने जीवन को कैसा बना रहे हो। एक सेल्फी में अपनी जान दे रहे हो। यह अज्ञान ही तो है।
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सुख की वजह से संबंध खत्म होने पर हाय-हाय
उन्होंने कहा कि एक गांव में भैंस के मरने पर पूरा परिवार रो रहा था, क्योंकि उसी भैंस के दूध से काम चल रहा था। मानो सब खत्म हो गया। वह हाय-हाय कर रहा है।
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पीड़ा में पराजित
वह कहते हैं कि भगवान का अंश अपने अस्तित्व को न जानने के कारण छोटी छोटी वस्तु, पदार्थ या किसी पीड़ा में परिजित हो गया। शरीर को नष्ट कर दिया।
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दुख की वजह अज्ञान
प्रेमानंद जी कहते हैं कि अज्ञान हमारा नाश कर रहा है। डिप्रेशन में ले जा रहा है। चिंता और दुख में ले जा रहा है।
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भजन कर नष्ट करो अज्ञान
उनका कहना है कि भगवान का भजन करके अज्ञान को नष्ट करो। तुम्हारे और दूसरे की मृत्यु का दुख दूर हो जाएगा। यदि भजन करके अज्ञान को नष्ट नहीं किया तो दुख ही दुख है।