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प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जो व्यक्ति सुबह 9 बजे तक सोते रहते हैं और सूर्य भगवान की आराधना नहीं करते, उनका तेज, आयु, श्री, और कांति धीरे-धीरे नष्ट हो जाते हैं।
सुबह जल्दी उठकर सूर्य का स्वागत करना और उनकी पूजा करना एक स्वस्थ और सुखी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
महाराज जी का मानना है कि जब सूर्य उदय हो रहा हो, तब कम से कम हमें बिस्तर से उठ जाना चाहिए। यह केवल सूर्य का आदर नहीं है, बल्कि हमारे जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रवेश भी है।
वह सलाह देते हैं कि सुबह नहाकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देना चाहिए और उनके नाम का जप करना चाहिए। इससे मन को शांति मिलती है और दिनभर के कार्यों के लिए स्फूर्ति और उत्साह बना रहता है।
प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि अधिक सोने वाले तेज, उत्साह, और स्फूर्ति खो देते हैं। न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। बुद्धि धीरे-धीरे भ्रष्ट हो जाती है।
अगर आप अपनी बुद्धि को शुद्ध रखना चाहते हैं तो कम नींद लेना आवश्यक है। अधिक सोना आलस्य और नकारात्मकता को जन्म देता है, जो हमारे जीवन में अव्यवस्था और असंतोष का कारण बन सकता है।
महाराज जी के अनुसार, अगर आप तीन चीजों का अभ्यास करते हैं-कम खाना, कम बोलना और कम सोना-तो आपकी ज़िन्दगी सही दिशा में चलने लगेगी। हम अपने जीवन को संतुलित और अनुशासित बना सकते हैं।
जो लोग रात की ड्यूटी करते हैं, उन्हें महाराज जी सलाह देते हैं कि वे अपने परिवार वालों से कहें कि उन्हें सूर्योदय से पहले जगा दें। सुबह उठकर भगवान को प्रणाम करें और 5 मिनट नाम जप।
भले ही आपकी ड्यूटी की वजह से आप नियमित पूजा नहीं कर पाते, लेकिन यह छोटा सा प्रयास आपको अपराधबोध से मुक्त कर सकता है।