पहले मंदिर में मिलता था सुकून, अब क्यों नहीं? प्रेमानंद महाराज ने खोला
Hindi

पहले मंदिर में मिलता था सुकून, अब क्यों नहीं? प्रेमानंद महाराज ने खोला

भक्त का सवाल
Hindi

भक्त का सवाल

पहले मंदिर में जाते थे। तब बहुत आनंद आता था कि कब दर्शन कर लिया पता ही नहीं चलता था। अब भी मंदिर जाता हूॅं। पर वह भाव नहीं आता। न ही प्रेम और न ही आनंद का।

Image credits: facebook
प्रेमानंद महाराज का जवाब
Hindi

प्रेमानंद महाराज का जवाब

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि इसके दो कारण हो सकते हैं कि यदि कोई संत वैष्णव अपराध बन गया तो यह बात हो सकती है।
 

Image credits: facebook
निंदा या अवहेलना नहीं
Hindi

निंदा या अवहेलना नहीं

वह कहते हैं कि अगर कहीं ऐसी बात है कि किसी का दोष दर्शन, निंदा या अवहेलना की है। 

Image credits: Instagram
Hindi

इत्र की दुकान का उदाहरण

उन्होंने दूसरा कारण बताते हुए कहा कि जैसे यदि हम किसी इत्र की दुकान में पहली बार जाते हैं तो खुशबू आती है यदि वहीं ज्यादा समय देने लगते हैं तो इत्र की खुशबू आनी बंद हो जाती है। 
 

Image credits: Instagram
Hindi

पॉवरफुल खुशबू की जरूरत

वह कहते हैं कि अब उससे पावरफुल और खुशबू आए तो समझ में आएगा। या तो भजन में कोई अपराध बन गया कि आनंद सूक्ष्म रूप में परिवर्तित हो गया।

Image credits: Instagram
Hindi

खुराक बढ़ गई तो उसका लें आनंद

वह कहते हैं कि कभी चार माला में आनंद आने लगता है और एक समय आता है कि चार माला में बहुत आनंद नहीं आता। अब 40 माला की जरूरत है। अब खुराक बढ़ गई है तो उसका आंनद लें।
 

Image credits: Instagram

भगवान से मिलन का रहस्य: प्रेमानंद महाराज ने बताया विशेष कृपा का मार्ग

AI भी इनसे पीछे: 10 नौकरियां जिन्हें मशीनें नहीं छीन सकतीं

भारत पर परमाणु हमला...किसने दी धमकी और क्यों छिड़ा नया विवाद?

क्यों न करें कर्म के बाद फल की इच्छा? प्रेमानंद महाराज ने बताया