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क्या है डिजिटल हाउस अरेस्ट, इस हाईटेक स्कैम से जानें कैसे बचें

Image credits: FRREPIK

कैसे की जाती है ऑनलाइन ठगी?

डिजिटल हाउस अरेस्ट साइबर क्रिमिनल्स का नया तरीका है, जिसमें वे AI जनरेटेड वॉयस या वीडियो कॉल का इस्तेमाल करके लोगों को ठगते हैं। जानें इसके बारे में सबकुछ और इससे बचने के उपाय।

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साइबर क्रिमिनल कर डालते हैं लाखों करोड़ों की ठगी

अपराध की दुनिया का सबसे चर्चित सब्जेक्ट है डिजिटल हाउस आरेस्ट? इसके जरिए साइबर क्रिमिनल आए दिन लोगों से लाखों करोड़ों की ठगी करते हैं। ये डिजिटल हाउस अरेस्ट क्या है, आईए जानते हैं।

 

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कैसे लोगों को फंसाते हैं साइबर क्रिमिनल?

ऑनलाइन स्कैम के इस हाईटेक मैथड में साइबर क्रिमिनल का कामन मैथड है लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके AI जनरेटेड वॉयस या वीडियो कॉल के जरिए फंसाना है।

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अक्सर इस तरह फोन करते हैं साइबर क्रिमिनल

साइबर क्रिमिनल खुद को पुलिस, NCB, CBI या कस्टम आफिसर होने का दावा करते हैं। साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि साइबर क्रिमिनल लोगों को फंसाने के लिए कई हथकंडे आजमाते हैं।

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किस तरह से लोगों को धमकाते हैं साइबर क्रिमिनल

ये साइबर क्रिमिनल लोगों को पहले ड्रग पार्सल, चाइल्ड पोर्न या फिर ड्रग्स बुकिंग में किसी के भी आधार-पैन नंबर यूज करके डराते धमकाते हैं। वीडियो कॉल करके लोगों डिजिटल अरेस्ट करते हैं।

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पुलिसिया लहजे में पूछतांछ करके डराते हैं ठग

डिजिटल अरेस्टिंग के बाद फंसे लोगों से पूछताछ करके इतना डरा देते हैं कि सामने वाला साइबर क्रिमिनलों के फोटो, वीडियो देखकर सबकुछ सही मान लेते हैं और उनके अनुसार पेमेंट कर देते हैं।  

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पूरा सेटअप तैयार करके बैठते हैं साइबर क्रिमिनल

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर पूछताछ करने के लिए वीडियो कॉल करते हैं। साइबर ठग अपना एक पुलिस स्टेशन जैसा सेटअप बनाकर वर्दी पहने बैठे होते हैं, जिससे लोगों को सब कुछ असली लगता है।

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साइबर क्रिमिनल देते हैं इस तरह की धमकियां

साइबर ठग धमकी देते हैं कि अगर जांच के दौरान परिवार या दोस्तों को कुछ बताया तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस तरह साइबर अपराधी डिजिटल स्पेस में लोगों को घंटों अरेस्ट रखते हैं।

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इस तरह के अपराधियों से कैसे बचें?

साइबर क्रिमिनलों की जाल में फंसने से बचने के लिए सबसे जरूरी है खुद को सदैव एलर्ट मोड में रखना, किसी भी अननोन कॉल पर तुरंत भरोसा न करना। किसी भी फोन कॉल को रिवेरीफाई करना जरूरी है।

 

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पुलिस ने डिजिटल हाउस अरेस्ट के लिए जारी की ये एडवाईजरी

UP के नोएडा पुलिस ने 'डिजिटल हाउस अरेस्ट' से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि जब भी ऐसे कॉल या मैसेज आएं तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस या संबंधित विभाग को दें।

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साइबर क्राइम की यहां करें तुरंत कंप्लेन

गर्वनमेंट ने साइबर और ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट में चक्षु पोर्टल (Chakshu portal) लॉन्च किया है। जहां ऐसी घटनाओं की कंप्लेन सीधे की जा सकती है।  

 

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साइबर क्राइम के नए तरीकों को लेकर अपडेट रहें

साइबर क्रिमिनल ठगी के नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। इंडियन साइबर क्राइम काेऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक इस साल अप्रैल तक 7.40 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड की कंप्लेन आईं हैं।
 

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