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अक्सर सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज के सत्संग के वह वीडियो वायरल होते रहते हैं। जिसमें उनसे जीवन से जुड़े अहम सवाल पूछे जाते हैं।
ऐसे ही एक भक्त ने महाराज जी से पूछा कि क्या पिंडदान से पितरों को मोझ मिल सकता है? आइए जानते हैं कि प्रेमानंद महाराज ने क्या बताया।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि दरअसल, हम पिंडदान करते हैं, पर उसका पितरों के मोक्ष का कोई संबंध नहीं है। पिंडदान करने से पितरों को असीम शांति प्राप्त होती है पर मोक्ष नहीं मिलता।
पितृ पक्ष में पिंडदान करने का उद्देश्य अपने पितरों का आशीर्वाद लेना होता है। साथ में उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करना।
वह कहते हैं कि मोक्ष तो भगवान की भक्ति से प्राप्त होता है। आध्यात्म के रास्ते पर चलकर भक्ति में लीन होकर मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है।
मोक्ष पाने के लिए शख्स को अपने कर्मों का फल भोगना होता है। चारो पुरुषार्थ पूरे करने होते हैं। उनमें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष है।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि पिंडदान वह धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें चढ़ाए गए तिल, जल आदि से पितरों को शांति मिलती है।