Utility News
एक तरफ जहां कैंसर से मौत का सिलसिला जारी है तो वहीं देश के 5 राजनेता जिन्होंने कैंसर जैसी भयावह बीमारी का न केवल डटकर मुकाबला किया, बल्कि उसे हराकर वापस भी लौटे।
NCP चीफ व राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार को 20 साल पहले मुंह का कैंसर हुआ था।3 सर्जरी और लगातार इलाज के बाद वे इस बीमारी को हराने में सफल रहे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को 2006 में लिंफोमा का पता चला था। उन्होंने 6 कीमोथेरेपी सेशन करवाए और इस बीमारी को मात दी। कैंसर का शुरुआती स्टेज होने की वजह से वो रिकवर हो गए।
यूपी के पूर्व राज्यपाल राम नाईक को 1993-94 में कैंसर का पता चला। मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में इलाज के दौरान डरो मत हिम्मत से बढ़ो का सूत्र अपनाकर वो इससे जीत गए।
उत्तराखंड के गढ़वाल सीट से BJP के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बड़े ब्राह्मण चेहरा अनिल बलूनी भी कैंसर से ग्रसित थे। कैंसर को हराकर वह दोबारा जिंदगी का सफर शुरू किया है।
अनुभवी अभिनेत्री एवं चंडीगढ़ से बीजेपी की सांसद रहीं किरण खेर को 2021 में मल्टीपल मायलोमा नामक ब्लड कैंसर डायग्नोस हुआ था। अपनी जीवटता के बूतें उन्होंने बीमारी को हरा दिया।