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डीजल से चलने वाली लोकल ट्रेन होती है। इसमें 4 डब्बों की एक यूनिट होती है। 5 यूनिट मिला कर 20 डब्बों की ट्रेन होती है। डब्बे के फ्लोर से नीचे डीजल इंजन लगा होता है।
डेमू ट्रेन में डीजल, सीएनजी या बायो डीजल का ईंधन यूज किया जाता है। इसमें टॉयलेट होता है। 4 घंटे से अधिक चल सकती है। आईवी यानि इनटर व्हीकल कपलर से 16 डब्बे जुड़े होते हैं।
बिजली से चलने वाली इस ट्रेन में 4 डिब्बों की एक यूनिट होती है। 20 डिब्बों तक की ट्रेन होती है। ये 150- 250 किलोमीटर तक चलती है। टॉयलेट होता है।
ट्राम का ट्रैक रोड पर भी हो सकता है। इसकी स्पीड काफी कम होती है। सीधे जमीन से ट्राम में चढ़ा जाता है। एक ड्राइविंग यूनिट होती है। इसमें एक, दो या तीन तक डब्बे होते हैं।
ये ट्रेन बिजली से चलने वाली लोकल ट्रेन होती है। इसमें भी 20 डब्बे लगे होते हैं। 125 किमी तक चलती है। टॉयलेट नहीं होता है। कुछ कोच वातानुकूलित भी हो सकते हैं।
देश में अधिकतम 8 डब्बों की मेट्रो चलाई जाती है। कोच वातानुकूलित होते हैं। यह जमीन, जमीन के ऊपर और नीचे तीनों जगहों पर चल सकती है।
इसमें आगे और पीछे भी इंजन लग सकता है। 26 कोच और टॉयलेट होता है। ट्रेन में जेनरेटर कार नहीं होती। इनटर व्हीकल कपलर द्वारा बिजली दिया जाता है। स्क्रू कपलिंग से कोच जुड़े होते हैं।