स्पेशल स्टेट स्टेट्स के लिए होनी चाहिए ये 5 प्रमुख क्राईटेरिया
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NDC ने तय की है ये क्राईटेरिया
Special State Statusको लेकर 2018 में लोकसभा में केंद्र सरकार ने बताया था कि इसके लिए नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल ने कुछ क्राइटेरिया तय की है। जिसे पूरा करना जरूरी है। आईए जानतें हैं।
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1. जियोग्राफिकल स्ट्रक्चर
राज्य का जियोग्राफिकल स्ट्रक्चर किस तरह का है। पहाड़ी और दुर्गम इलाके वाले राज्य को विशेष तरजीह दी जाएगी।
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2. स्टेट बाउंड्री
किसी राज्य की सीमा से अगर किसी दूसरे देश की सीमा लगती है, तो उसे भी विशेष राज्य का दर्जा देने पर विचार किया जा सकता है।
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3. पापुलेशन डिसेंटी
पापुलेशन डिसेंटी अगर किसी राज्य की कम है या किसी राज्य में जनजातीय लोगों की संख्या अधिक है, तो उसे भी स्पेशल स्टेटस मिल सकता है।
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4. इकोनामिकल बैकवर्ड स्टेट
आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य को भी विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है। हालांकि, यह इसका इवैल्युएशन करना सेंट्रल गर्वनमेंट का काम है।
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5. स्टेट एमाउंट
राज्यों के जो फाइनेंस हैं या राज्यों के पास जो रकम है वो कितनी प्रैक्टिकल है। क्या वो रकम व्यवहारिक तौर पर खर्च किया जा सकता है।