Utility News

काम के जवाब: यदि अपमान हो रहा तो...प्रेमानंद महाराज ने बताया इसका मतलब

Image credits: Instagram

मान-अपमान पर प्रेमानंद जी महाराज का जवाब

मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में श्रद्धालु सवाल पूछते हैं। वह उनका व्यावहारिक जवाब देते हैं। मान-अपमान पर उनका एक जवाब वायरल हो रहा है।

Image credits: Instagram

अपमान हो तो करें ये विचार

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जब आपका अपमान हो रहा हो तो तब विचार करना चाहिए कि भगवान ने आपके किसी पाप के मार्जन (समाप्त) के लिए यह विधान किया है।

Image credits: facebook

यह सोचकर होना चाहिए आनंदित

वह कहते हैं कि मेरी निंदा हो रही है। मेरा अपमान हो रहा है। मतलब हमारे किसी पाप का मार्जन (समाप्त) हो रहा है। यह सोचकर आनंदित होना चाहिए।

Image credits: facebook

मान-अपमान में न फंसे

प्रेमानंद जी कहते हैं कि विचार के द्वारा लोगों को मन-अपमान में नहीं फंसना चाहिए।

Image credits: facebook

अपमान से बचा लेता है विवेक

वह कहते हैं कि विवेक ऐसी महान ​शक्ति होती है, जो हमे किसी भी मान और अपमान से बचा लेती है। 

Image credits: facebook

कैसे जाग्रत होता है विवेक?

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि सत्संग, शास्त्र स्वाध्याय, गुरुजनों के वचनों पर श्रद्धा और विश्वास करने से विवेक जाग्रत हो जाता है।

Image credits: Instagram

डिस्क्लेमर

यहां दी गई जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।hindi.mynation.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Image credits: facebook
Find Next One