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वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में लोग जीवन से जुड़े सवाल पूछते हैं और वह उसके सरप्राइज करने वाले जवाब देते हैं।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि हमे ऐसा कर्म करना चाहिए। ताकि अगला जन्म सुअर—कुत्ता का न मिले। हम भगवान का भजन कर पाएं।
वह कहते हैं कि इसी जन्म में भगवान का भजन करो तो भगवत प्राप्ति हो जाएगी। यदि अगला जन्म मिले भी तो भगवान के भक्तों का साथ मिले और भजन कर जीवन सार्थक हो जाए।
प्रेमानंद जी कहत हैं कि राक्षसी व्यवहार इतना बढ़ गया है कि लोग जिंदा पशुओं को जलाकर खा रहे हैं। यहां किए गए काम का दंड शुरू से ही मिलना शुरू हो जाता है। दिखाई नहीं देता।
वह कहते हैं कि हमारे पूर्व जन्म के भी असंख्य अपराध होते हैं। जैसे-कहीं सुना कि एक बंद कार में आग लग गई और पूरा परिवार जल गया। यह पूर्व जन्म के कर्मों का फल होता है।
प्रेमानंद जी कहते हैं कि हो सकता है कि एक मिनट का कर्म पूरा जन्म बर्बाद कर दे। मरने के बाद छुटटी हो जाए तो बात समझ में आ जाए। पर मरने के बाद फिर जन्म होना है। फिर कर्म करना है।
यहां दी गई जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।hindi.mynation.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।