Utility News
12 जून को दुनियाभर में चाइल्ड लेबर डे मनाया जा रहा है। इस दिन बाल मजदूरी के लिए लोगों को सजग किया जाता है। ऐसे में जानेंगे भारत में इसके लिए क्या नियम है।
भारत में चाइल्ड लेबर के आंकड़े स्पष्ट रूप से उपलब्ध नबीं है लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार 5-14 साल की उम्र वाले लगभग 1 करोड़ से ज्यादा बच्चे बाल मजदूरी करते हैं।
वहीं अगर दुनियाभर की बात की जाए तो इंटरनेशल श्रम संगठन के अनुसापर विश्वभर में 15.3 करोड़ बच्चे चाइल्ड लेबर करने को मजबूर हैं और ये दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
अफ्रीका में दुनिया के सबसे ज्यादा बाल मजदूर ये संख्या 7.21 करोड़ है। वहीं एशिया पैसेफिक में 6.21 करोड़ तो अमेरिका में ये 1 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी की चपेट में है।
अगर देश में कोई शख्स 14 साल से छोटे बच्चे से मजदूरी या काम करता है। तो उसके खिलाफ कई धाराओं में कार्रवाई होती है। भारत में बाल श्रम के लिए कठोर नियम है।
बाल श्रम के खिलाफ IPC की धारा 1860 बंधुआ श्रम प्रणाली, एक्ट 1976 बाल श्रम निषेध-विनियमम,एक्ट 1986, किशोर न्याय देखभाल-सरंक्षण और अधिनियम 2000 के तहत कार्रवाई होती है।
अगर कोई व्यक्ति नाबालिग बच्चों से कोई खतरनाक और हानिकारक काम कराता है। तो उसे 1-6 महीने की सजा हो सकती है, वहां उसे 20-50 हजार का मुवाअजा भरना पड़ सकता है।