देश भर में दूध की जांच से कई मिलावटों का पता चला है, जिसमें स्टार्च, यूरिया, डिटर्जेंट, सफ़ेद पेंट, कास्टिक सोडा, रिफ़ाइंड तेल, ग्लूकोज़ और ख़तरनाक बैक्टीरिया ई. कोली शामिल हैं।
एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि ई. कोली, जो आम तौर पर गाय के गोबर में पाया जाता है, तेज़ी से बढ़ सकता है और दूध का प्रयोग करने वालों के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो रहा है।
सरकार के ईट राइट इंडिया अभियान ने अपनी वेबसाइट पर DART रैपिड टेस्ट के 4 अलग-अलग तरीकों से मिलावटी दूध का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
दूध की एक बूंद को ढालदार बर्तन में ऊपर की तरफ डालें। अगर यह धीरे-धीरे बहता है और पीछे एक सफेद लाइन छोड़ता है, तो दूध शुद्ध है। अगर ऐसा नहीं होता तो दूध में पानी की मिलावट है।
एक बोतल में बराबर मात्रा में पानी और दूध लें। दूध की बोतल को जोर से हिलाएं। अगर साबुन की तरह झाग बने तो समझ जाइए कि इसमें डिटर्जेंट मिला है। शुद्ध दूध हिलाने पर पतली झाग बनेगी।
दूध में आयोडीन टिंचर या आयोडीन घोल की कुछ बूंदें डालें। अगर तरल नीला हो जाता है, तो यह स्टार्च की उपस्थिति को इंगित करता है, जो एक मिलावटी पदार्थ है।
दूध की कुछ बूंदें अपनी उंगलियों के बीच रगड़ने के बाद मिलावटी दूध आपको साबुन जैसी बनावट में दिखेगा। इसके अलावा उबालने पर दूषित दूध पीला हो जाता है और टेस्ट भी कड़वा हो जाता है।