नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि अफगानिस्तान में आईएस आतंकवादियों के खात्मे के लिए भारत ईरान रूस और तुर्की जैसे देशों को आगे आएं।  उन्होंने आशंका जाहिर की है कि इन देशों को कभी न कभी अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट यानी आईएस के आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करनी ही पड़ेगी। 

उन्होंने कहा कि अमेरिका 7000 मील दूर से अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है जबकि अन्य देशों की भूमिका बहुत सीमित है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से व्हाइट हाउस में पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे। उनसे जब पत्रकारों ने अफगानिस्तान के बारे में सवाल पूछा तब उन्होंने यह बताया कि हमने खिलाफत को पूरी तरह खत्म कर दिया है और यह काम रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है।  लेकिन दूसरे सभी देश जहां आईएस उभर रहा है,  वह कभी न कभी उससे प्रभावित हुए हैं।  इन सभी देशों को उनसे लड़ना होगा 

इसके अलावा ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पूरी तरह नहीं होगी। ट्रंप के मुताबिक अमेरिका को  युद्ध ग्रसित पाकिस्तान में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहना होगा। 

उन्होंने अपने ओवल ऑफिस में बयान दिया कि अफगानिस्तान में हमने अपने सैनिकों की संख्या कम की है लेकिन अमेरिका अफगानिस्तान को कभी भी पूरी तरह खाली छोड़ कर वापस नहीं लौटेगा। 

अमेरिका में 9/11 के हमले के बाद से ही अमेरिका अफगानिस्तान में जंग में उलझा हुआ है। हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या बेहद कम कर दी है। लेकिन वहां इस्लामिक स्टेट की आतंकी विचारधारा का तेजी से प्रसार हो रहा है। खुद तालिबान भी इससे डरा हुआ है। क्योंकि उसके कई लड़ाकों ने आईएस ज्वाइन कर लिया है। 

राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगानिस्तान में आईएस के इसी बढ़ते आतंक के खिलाफ दक्षिण एशियाई देशों को आगाह करने की कोशिश की थी।