नई दिल्ली--यूरोपीय संघ (ईयू) ने व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने सहित प्रमुख क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग बढाने के लिए "रणनीति दस्तावेज’’ पेश किया। साथ ही हिंद महासागर में सैन्य सहयोग का प्रस्ताव दिया है।
दस्तावेज जारी करते हुए भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत टोमास्ज कोजलोवस्की ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिद्धांतों के आधार पर और क्षेत्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक साथ मिलकर काम करने के अलावा संबंधों को नये स्तर पर ले जाने की नींव रखता है।

इस दस्तावेज के अनुसार ईयू की दिलचस्पी भारत के साथ राजनीतिक, आर्थिक और रक्षा सहयेाग को मजबूत करने में है क्योंकि भारत के साथ एक मजबूत साझेदारी पूरे एशिया में संतुलित नीति के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘रणनीति एक बहुत ही महत्वपूर्ण तथ्य को दर्शाती है कि भारत विदेशी संबंधों के क्षेत्र में हमारे एजेंडे के शीर्ष पर है। हमें लगता है कि हम अब संयुक्त छलांग के लिए तैयार हैं।’’ 
व्यापार, निवेश, आधारभूत ढांचे, रक्षा और सुरक्षा तथा पर्यावरण समेत कई क्षेत्रों को इस दस्तावेज में रखा गया है।

लंबे समय से लंबित भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते पर कोजलोवस्की ने कहा कि समूह व्यापार और निवेश पर व्यापक, संतुलित और आर्थिक रूप से सार्थक समझौते पर बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस मुद्दे पर संवाद कर रहे हैं।

डाटा संरक्षण के विवादित मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर कोजलोवस्की ने कहा कि ईयू के लिए यह बहुत ही संवेदनशील मामला है और संघ के तीन प्रतिनिधिमंडलों ने ईयू के नये डाटा संरक्षण विनियमन के बारे में भारत सरकार के साथ साथ भारतीय उद्योगों को भी अवगत कराया है।

उन्होंने कहा,‘‘हम खुश हैं कि भारत अपने निजता कानूनों पर काम कर रहा है। हम उच्चतम न्यायालय के उस आदेश से प्रभावित हैं जिसमें निजता को एक मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई है। भारत अब निजता कानून पर काम कर रहा है। ईयू इस पर अपना सहयोग उपलब्ध करायेगा।’’ 

भारत के साथ समुद्री सहयोग पर उन्होंने कहा,‘‘हम सेना से सेना के बीच सहयोग स्थापित करने के लिए भारत के समक्ष प्रस्ताव रख रहे हैं।’’  इस प्रस्ताव के संबंध में विस्तृत जानकारी दिये बगैर उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि एक सैन्य गठबंधन नहीं होने जा रहा है।