अफगानिस्तान में सक्रिय रहे सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क का संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई है। हक्कानी की मौत की पुष्टि तालिबानी के प्रवक्ता ने की है। खबरों के मुताबिक हक्कानी अफगानिस्तान तालिबान के अलावा आतंकवादी संगठन क्वेटा शूरा का सदस्य था, जो कि बलूचिस्तान में सक्रिय थे।
अफगानिस्तान में सक्रिय रहे सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क का संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई है। हक्कानी की मौत की पुष्टि तालिबानी के प्रवक्ता ने की है। खबरों के मुताबिक हक्कानी अफगानिस्तान तालिबान के अलावा आतंकवादी संगठन क्वेटा शूरा का सदस्य था, जो कि बलूचिस्तान में सक्रिय थे।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद कहा है कि पूर्व अफगान तालिबान नेता मुल्ला उमर की मौत के बाद तालिबान को एक साथ रखने में हक्कानी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
The founder of the Haqqani network, Jalaluddin Haqqani, is dead, announced Taliban spokesman Zabihullah Mujahid
— ANI Digital (@ani_digital) September 4, 2018
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थी। हक्कानी अल कायदा के नेताओं के काफी करीब था और अफगानिस्तानऔर पाकिस्तान दोनों में आतंकवादी समूह का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हक्कानी तालिबान के डिप्टी ऐमीर और सैन्य कमांडर सिरजुद्दीन हक्कानी का पिता था। फिलहाल संगठन की कमान सिरजुद्दीन के पास है।
हक्कानी नेटवर्क की स्थापन मूल रूप से सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद के लिए की गई थी। हालांकि, इसके बाद जलालुद्दीन तालिबान सरकार में मंत्री भी बना। 1996 में काबुल पर कब्जा करने के बाद हक्कानी तालिबान सरकार में आदिवासी मामलों का मंत्री था।
जलालुद्दीन हक्कानी का जन्म साल 1939 में अफगानिस्तान के पकतिया में हुआ था। उसने दारुल उलूम हक्कानिया से पढ़ाई की थी। अफगानिस्तान में 80 के दशक में हक्कानी नेटवर्क ने सोवियत फौजों से जंग लड़ी थी। उस समय उसे अमेरिका का समर्थन हासिल था। हक्कानी नेटवर्क 1995 में तालिबान के साथ मिल गया और दोनों गुटों ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा जमा लिया। 2012 में अमेरिका ने इस गुट को आतंकवादी संगठन घोषित किया था।
Last Updated Sep 9, 2018, 12:44 AM IST