वांछित आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत सरकार देश और विदेश में माल्या से जुड़ी सभी संपत्तियों को जब्त कर सकती है। जांच एजेंसियों के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, माल्या के खिलाफ अंतिम कार्रवाई का ब्यौरा अभी स्पष्ट नहीं है।
बैंकों से अरबों रुपये लेकर विदेश भागा शराब कारोबारी विजय माल्या अब भारत लौटना चाहता है। उसने केंद्रीय एजेंसियों और सरकार के समक्ष भारत आने की इच्छा जताई है। माल्या की संपत्ति को नए कानून के तहत जब्त करने के सरकार के फैसले के बाद माल्या के तेवर ढीले पड़ते दिख रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी में विजय माल्या मुख्य आरोपी है। हालांकि, माल्या ने लंदन की अदालत में भारत सरकार के उसके प्रत्यर्पण के प्रयासों को चुनौती दे रखी है। अधिकारियों के अनुसार, वह भारत लौटकर कानूनी प्रक्रिया में शामिल होना चाहता है। उसने अपने खिलाफ वांछित आर्थिक अपराधी अध्यादेश (एफईओओ) के तहत की जाने वाली कार्रवाई को भी चुनौती दी है।
इस नए अध्यादेश के अनुसार, सरकार देश और विदेश में माल्या से जुड़ी सभी संपत्तियों को तत्काल जब्त कर सकती है। जांच एजेंसियों के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, इसे लेकर अंतिम कदम अभी तय नहीं है। हालांकि अधिकारियों ने इससे अधिक कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर पिछले महीने माल्या के खिलाफ समन जारी करते हुए उसे 27 अगस्त तक कोर्ट में पेश होने को कहा था। ईडी बैंक धोखाधड़ी मामले में माल्या के खिलाफ एफईओओ के तहत कार्रवाई करना चाहती है।
केंद्रीय जांच एजेंसी इस कार्रवाई का हिस्सा है। उसने माल्या की 12,500 करोड़ रुपये संपत्ति को तत्काल जब्त करने को कहा है। अगर माल्या उसे भेजे गए समन के आधार पर निर्धारित तारीख को कोर्ट नहीं पहुंचता है या समन का जवाब नहीं देता है, तो उसके भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने का खतरा है। ऐसे में उससे जुड़ी हर संपत्ति जब्त की जा सकती है।
अधिकारियों के अनुसार, माल्या ने यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान कई बैंकों से अपनी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटिड के लिए लोन लिया था। यह राशि ब्याज को मिलाकर 9,990.07 करोड़ रुपये पहुंच गई है। किंगफिशर अब बंद हो चुकी है। माल्या 2016 में देश छोड़कर भाग गया था।
हाल ही में माल्या ने कहा था कि उसे बैंक धोखाधड़ी का 'पोस्टर ब्वॉय' बना दिया गया है। उसे भारत लौटने पर लोगों के गुस्से का सामने करना पड़ सकता है। शराब कारोबारी माल्या ने कहा था कि उसने 15 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री दोनों को अपना पक्ष बताने के लिए पत्र लिखा था।
प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कथित कर्ज धोखाधड़ी में माल्या के खिलाफ अलग से मामला दर्ज कियै है। इस महीने के अंत में माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर लंदन की अदालत में सुनवाई होनी है, जहां भारतीय जांचकर्ताओं का एक दल मौजूद रहेगा।
Last Updated Jul 25, 2018, 5:13 PM IST