बुजुर्गों के लिए हर पल मददगार एल्डर लाइन 14567, एक कॉल पर सीनियर सिटीजन्स को देश के किसी कोने में मिलेगी मदद

By Team MyNationFirst Published Sep 28, 2021, 9:45 PM IST
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एक रिपोर्ट के अनुसार देश में आगामी 2050 तक सीनियर सिटीजन्स की आबादी करीब 20 प्रतिशत हो जाएगी। यानी यह आबादी 300 मिलियन से अधिक होने की संभावना है। सीनियर सिटीजन्स की देश में यह आबादी कई देशों की आबादी से भी अधिक है।

नई दिल्ली। देश में वरिष्ठ नागरिकों (senior citizens) की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन (Helpline) की शुरूआत की गई है। ऑल इंडिया लेवल की इस टोलफ्री हेल्पलाइन से बुजुर्ग नागरिकों की समस्याओं को सुलझाया जा रहा। 'एल्डर लाइन' (Elder Line) से बुजुर्गों के पेंशन मुद्दों, कानूनी मुद्दों पर मुफ्त जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा। यह उन भावनात्मक रूप से मदद करते हुए उनके साथ हो रहे दुर्व्यवहार के मामलों में भी मदद करेगा साथ ही बेघर बुजुर्गों को राहत देगा।

हेल्प के लिए इस हेल्पलाइन की लें सहायता
सीनियर सिटीजन्स के लिए शुरू की गई इस हेल्पलाइन पर देश के किसी कोने से फोन कर मदद ली जा सकती है। अखिल भारतीय टोल-फ्री हेल्पलाइन-14567 पर फोन कर बुजुर्ग अपनी किसी भी समस्या का समाधान मांग सकते हैं। 

2050 तक देश की 20 प्रतिशत आबादी सीनियर सिटीजन्स की
एक रिपोर्ट के अनुसार देश में आगामी 2050 तक सीनियर सिटीजन्स की आबादी करीब 20 प्रतिशत हो जाएगी। यानी यह आबादी 300 मिलियन से अधिक होने की संभावना है। सीनियर सिटीजन्स की देश में यह आबादी कई देशों की आबादी से भी अधिक है। इस आयु वर्ग के लोगों को विभिन्न मानसिक, भावनात्मक, वित्तीय, कानूनी और शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कोरोना महामारी ने इन परेशानियों को और ज्यादा बढ़ा दिया है। 

टाटा ट्रस्ट की पहल का नतीजा है एल्डर लाइन
एल्डर लाइन, टाटा ट्रस्ट (Tata trust) के पहल का नतीजा है। टाटा ट्रस्ट ने साल 2017 में तेलंगाना सरकार के सहयोग से हैदराबाद में अपने सहयोगी विजय वाहिनी चैरिटेबल फाउंडेशन के माध्यम से बुजुर्ग लोगों के लिए इस हेल्पलाइन की शुरूआत की थी।
इन सालों में अबतक 17 राज्यों ने अपने अपने यहां एल्डर लाइन खोल दी है जिसका संचालन टाटा ट्रस्ट के सहयोग से हो रहा है। 

चार महीने में दो लाख से अधिक कॉल
एल्डर हेल्पलाइन पर पिछले 4 महीनों में 2 लाख से ज्यादा कॉल आए हैं। 30,000 से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों की मदद की जा चुकी है। इनमें से लगभग 40 प्रतिशत कॉल वैक्सीन के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त करने और इससे संबंधित प्रश्नों से संबंधित थे और लगभग 23 प्रतिशत कॉल पेंशन से संबंधित थे। एक अन्य मामले में एक कॉलर था जिसको पेंशन नहीं मिल रही थी और उसने एल्डर लाइन टीम से समर्थन मांगा। टीम ने संबंधित पेंशन अधिकारी से संपर्क किया। वरिष्ठ नागरिक का पेंशन तुरंत उसके खाते में हस्तांतरित कर दिया गया।

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