रेलवे नहीं ग्रामीण चलाते हैं ये रेलवे स्टेशन, टिकट से लेकर देते सभी सुविधा

By Anshika Tiwari  |  First Published Feb 9, 2024, 7:57 PM IST

Viral News: दुनिया में ऐसे कई देश है जहां पर रेलवे स्टेशन नहीं है लेकिन अगर कहा जाए भारत में भी एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जहां रेलवे अधिकारी नहीं बल्कि गांव के लोग टिकट काटते हैं तो आप क्या कहेंगे?

वायरल डेस्क। भारतीय रेल सेवा नागरिकों की लाइफलाइन है। जिसे दुनिया की सबसे बड़ी रेल सेवा के तौर पर भी जाना जाता है। देश के ज्यादातर स्टेशन रेलवे विभाग के अंडर आते हैं लेकिन देश में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी स्थित है। जहां ना कोई रेलवे अधिकारी है और ना ही कोई सरकारी कर्मचारी लेकिन इसके बाद भी ट्रेन  रुकती है। यात्री टिकट खरीदते हैं और उसका पैसा भी रेलवे के एकाउंट में जाता है। ये रेलवे स्टेशन राजस्थान में स्थित है। जिसका जिम्मा ग्रामीणों ने संभाल रखा है। 

राजस्थान में स्थित अनोखा रेलवे स्टेशन

हम जिस रेलवे स्टेशन की बात कर रहे हैं वह राजस्थान में है। जिसे रशीदपुरा खोरी रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है,2009 से 2015 तक यानी 6 सालों तक रेलवे स्टेशन का जिम्मा गांववालों के पास था और अभी भी वह ये काम संभाल रहे हैं। ग्रामीण ही यात्रियों की टिकट कांटते हैं। खुद स्टेशन की साफ-सफाई का ध्यान रखते हैं और सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर भी चौकन्ने रहते हैं।

घाटे के चलते रेलवे विभाग ने बंद किया स्टेशन

जानकारी के अनुसार 2005 में जयपुर से चूरू के रास्ते में पड़ने वाले रसीदपुरा खोरी रेलवे स्टेशन को रेलवे विभाग ने घाटे के चलते बंद कर दिया था ऐसे में यहां आस-पास रहने वाले हजारों लोगों के लिए आवागमन का संकट खड़ा हो गया कई सालों तक ग्रामीणों ने सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे  लेकिन बात नहीं बनी साल 2009 में रेलवे स्टेशन को दोबारा शुरू करने के लिए एक शर्त पर तैयार हुआ शर्त थी कि 300000  टिकट खरीद जरूरी है यदि ऐसा नहीं होता है तो स्टेशन बंद हो जाएगा ऐसे में ग्रामीणों ने चंदा जुटाया और  रेलवे स्टेशन चालू हो गया।

रेलवे विभाग की शर्त पूरा करने के लिए ग्रामीणों ने की मेहनत

ग्रामीण नहीं चाहते थे कि यह रेलवे स्टेशन बंद हो इसलिए उन्होंने रेलवे की शर्त को पूरा करने के लिए पांच-पांच से ज्यादा टिकट खरीदे यही वजह रही की रेलवे को फायदा हुआ और स्टेशन चल पड़ा अब स्टेशन पर ट्रेन तो चल पड़ी लेकिन वहां की जिम्मेदारी ग्रामीण पर आ गई अभी भी स्टेशन की देखरेख से लेकर साफ सफाई और यात्रियों के लिए साफ पानी की व्यवस्था तक यह सारा जिम्मा ग्रामीणों ने ही उठाया।

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