सिर्फ गाने नहीं, पंकज उधास कि गजलें भी लोगों को बना देती थीं दीवाना...

By Bhawana tripathi  |  First Published Feb 26, 2024, 6:42 PM IST

गजल बादशाह पंकज उधास ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। 26 फरवरी को उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। बॉलीवुड के गानों के साथ ही गजलें और भक्ति भजन गाकर भी उन्होंने लोगों को अपना दीवाना बनाया।

Pankaj Udhas Death: मशहूर गजल गायक पंकज उधास के निधन की खबर ने मानों गजल के दीवानों रुला दिया हो। पंकज उधास ने न सिर्फ बॉलीवुड के गाने बल्कि गजल, भजन से फैंस के दिलों में खास जगह बनाई। उनकी गजलें जब सुनाई देती हैं तो समां मानों बंध सा जाता हो। बॉलीवुड में बेहतरी गजल के लिए दो ही नाम लोगों की जुबान पर रहते थे, पहला जगजीत सिंह और दूसरे पंकज उधास। उनके गीत, भजन, गजल आम आदमी के हमेशा से ही पसंदीदा रहे हैं। 

पंकज उधास के पसंदीदा गाने और गजलें

'आहट' नाम के गजल एल्बम से शुरुआत करने वाले पंकज ने 'महफिल', 'मुकरार', 'तरन्नुम' जैसे एल्बम से खूब शोहरत पाई। फिल्म 'नाम' में गाया गया गीत 'चिट्टी आई है' इस फिल्म की पहचान बन गया था।
अपनी गजलों और गानों से लोगों को दीवाना बना देने वाले पंकज उधास भले ही इस दुनिया से चले गए हो लेकिन उनकी आवाज हमेशा रहेगी। पकंज उधास के न भूल सकने वाले गाने 'चिट्ठी आई है, 'चांदी जैसा रंग है तेरा, 'ना कजरे की धार न मोतियों की हार' आदि फैंस आज भी गुनगुनाते हैं।

ऐसे भजन जो जादू-सा कर जाएं...

पंकज उधास ने न सिर्फ बॉलीवुड गानों और गजल से लोगों के मन में अमिट छाप छोड़ी बल्कि उनके भजन भी खूब पसंद किए गए।  कुछ भजन जैसे कि मैया पुकारे, सर्वमंगल मां, मैया एक है, हरे कृष्णा हरे रामा आदि भजन लोगों के पसंदीदा रहे हैं। 

जिनकी गजलें आत्मा से बात करती थी..

पंकज उधास के निधन की खबर से हर कोई दुखी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए लिखा है कि पंकज उधास की गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं। वे भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे।

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