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लगातार नेताओं के पार्टी छोड़ने से परेशान कांग्रेस ने उठाया ये कदम

Published : Sep 14, 2019, 06:35 PM IST
लगातार नेताओं के पार्टी छोड़ने से परेशान कांग्रेस ने उठाया ये कदम

सार

कांग्रेस नेतृत्व लगातार नेताओं के पार्टी छोड़ने की वजह से परेशान है। उसे पता ही नहीं कि अब तक कितने नेता कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ चुके हैं। इसीलिए कांग्रेस नेतृत्व ने अपने नेताओं का आंकड़ा इकट्ठा करने का फैसला किया है।   

नई दिल्ली: लगातार अपने नेताओं के पार्टी छोड़ने से परेशान कांग्रेस नेताओं ने अब एक नया कदम उठाने का फैसला किया है। कांग्रेस पार्टी पिछले तीन लोकसभा चुनावों में पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं का विवरण तैयार कर रही है। 

दरअसल पिछले कुछ समय से कांग्रेस के नेता लगातार अपनी पार्टी का दामन छोड़कर दूसरी पार्टियों का दामन थाम रहे हैं। लेकिन कांग्रेस नेताओं के पास यह आंकड़ा ही नहीं है कि साल 2004 से लेकर अब तक कितने नेताओं ने हाथ के निशान पर चुनाव लड़ा है। 

इसलिए कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने अपनी राज्य ईकाइयों को संदेश दिया है कि पिछले तीन लोकसभा चुनाव में पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं का विस्तृत विवरण इकट्ठा किया जाए।

 कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। इसलिए पार्टी नेतृत्व में भारी हड़बड़ी देखी जा रही है। इसीलिए कांग्रेस नेताओं ने अपनी राज्य ईकाइयों को अप्रत्याशित और आपातकालीन संदेश भेजकर कांग्रेस नेताओं का विवरण इकट्ठा करने का आदेश दिया है। कांग्रेस नेताओं को यह पता ही नहीं कि पिछले कुछ समय में उसके कितने नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।  

दरअसल कांग्रेस पार्टी के पास उसके नेताओं का आंकड़ा ही नहीं है। क्योंक जमीनी स्तर पर कांग्रेस संगठन में बरसों से कोई काम ही नहीं हुआ है। यही वजह है कि पार्टी के पास इस बात की कोई जानकारी ही नहीं है कि कांग्रेस पार्टी के सिंबल यानी हाथ के निशान पर पिछले लोकसभा चुनावों में किन लोगों ने चुनाव लड़ा। 

कांग्रेस नेताओं को तब अपने नेताओं के पार्टी छोड़ने का पता चलता है जब उनका कोई नेता पार्टी छोड़ते हुए बयान देता है। बाद में मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर पता लगता है कि अमुक नेता ने पार्टी छोड़ दी। जिससे कांग्रेस पार्टी का मजाक उड़ता है। 

इन हालातों से बचने के लिए ही कांग्रेस नेतृत्व ने 2004, 2009, और 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके और राज्यसभा भेजे गए नेताओं का आंकड़ा इकट्ठा करने का फैसला किया है। 


 

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