राज्य में कांग्रेस सरकार पर हालांकि संकट के बादल थोड़े हट गए हैं। लेकिन सरकार को मिली ये राहत ज्यादा समय के लिए नहीं मानी जा रही है। लिहाजा अब कमलनाथ सरकार ने नाराज विधायकों साधने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामे को थामने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ होली के बाद राज्य के नाराज विधायकों को बड़ा तोहफा दे सकते हैं। माना जा रहा है कि पिछले पांच दिनों से जारी शह और मात के खेल को खत्म करने के लिए कमलनाथ राज्य में कैबिनेट विस्तार कर सकते हैं। माना जा रहा कि कुछ मंत्रियों के इस्तीफे लेकर सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा।
राज्य में कांग्रेस सरकार पर हालांकि संकट के बादल थोड़े हट गए हैं। लेकिन सरकार को मिली ये राहत ज्यादा समय के लिए नहीं मानी जा रही है। लिहाजा अब कमलनाथ सरकार ने नाराज विधायकों साधने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। तीन दिन पहले ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और इस प्रकरण के दौरान संकटमोचक बने दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार को सलाह दी थी कि कैबिनेट विस्तार किया जाए। हालांकि राज्य में कांग्रेस सरकार को बने करीब एक साल से ज्यादा हो गया है। लिहाजा जिन विधायकों को अभी तक कैबिनेट का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला है। उन्हें कैबिनेट में शामिल कर असंतोष को खत्म किया जाए।
माना जा रहा है कि विधायकों के असंतोष को देखते हुए कैबिनेट विस्तार विधानसभा सत्र तक हो सकता है। इसके जरिए एक तरह नाराज विधायकों को शांत किया जा सकेगा वहीं राज्यसभा चुनाव में दूसरी सीट के लिए जरूरी बहुमत भी जुटाया जा सकता है। वहीं कहा जा रहा है कि कमलनाथ दिग्विजय सिंह खेमे के भरोसेमंद मंत्रियों से इस्तीफे ले सकते हैं और इस बात की भी संभावना जताई जा रहा है कि कुछ जूनियर मंत्रियों के इस्तीफे लेकर निर्दलीय और सपा बसपा के विधायकों को कैबिनेट में किया जाए। हालांकि इसके लिए ये विधायक पहले ही कमलनाथ सरकार पर दबाव बना रहे हैं। अगर ऐसा होता तो कमलनाथ सरकार पर संकट टल जाएगा।