ममता बनर्जी के चहेते आईपीएस राजीव कुमार के खिलाफ लुक आउट नोटिस

By Team MyNation  |  First Published May 26, 2019, 12:53 PM IST

राजीव कुमार पर सारदा चिटफंड और रोजवैली चिटफंड घोटाले की जांच के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप है। इस मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार करना चाहती है। 

कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के करीबी राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई ने लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। यह नोटिस 23 मई को जारी किया गया और इसकी वैधता एक साल तक है। लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद राजीव कुमार का विदेश जाना मुश्किल हो गया है। अगर वह इसकी कोशिश करते हैं तो सभी एयरपोर्ट अथॉरिटी सीबीआई को उनकी सूचना देंगे। 

राजीव कुमार पर सारदा चिटफंड और रोजवैली चिटफंड घोटाले की जांच के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप है। इस मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार करना चाहती है। हालांकि राजीव कुमार को 24 मई तक गिरफ्तारी से छूट मिली हुई थी। उन्होंने छूट की अवधि बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था। लेकिन शीर्ष अदालत ने उन्हें कोलकाता हाईकोर्ट जाने को कह दिया। राहत की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें सीबीआई कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। सुरक्षा एजेंसियां राजीव कुमार की तलाश कर रही हैं। यूपी के संभव में उनके पैतृक घर पर भी निगरानी रखी जा रही है। 

यह भी पढ़ें - बढ़ी ममता की मुश्किलें, शारदा घोटाले में होगी पूर्व पुलिस कमिश्नर की गिरफ्तारी

सारदा घोटाले की जांच के लिए 2013 में एसआईटी बनाई गई थी। इसका नेतृत्व 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार कर रहे थे। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया था। इसके बाद राजीव कुमार को जनवरी 2016 में कोलकाता पुलिस का मुखिया बना दिया गया था।

सीबीआई का आरोप है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने जांच सीबीआई को दी तो राजीव कुमार ने सभी जांच दस्तावेज नहीं दिए। एजेंसी ने जब उनसे पूछा, ऐसा कैसे हुआ यह समझाने के लिए वह पेश हों तो वह नहीं आए। राजीव कुमार ने आरोपी के साथ मिलकर इस मामले से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड नष्ट किए। एजेंसी के मुताबिक, आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार ने आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड को दर्ज किया था। राजीव कुमार ने सीबीआई को सैद्धांतिक रूप से कॉल रिकॉर्ड सौंपे हैं। लेकिन कौन था, किसने बुलाया, इस जानकारी को मिटा दिया गया। सुदीप्तो सेन के सेल फोन को वापस सौंप दिया गया। 

click me!