50000 लीटर MILK बिना एक बूंद असल दूध के, बीएमसी और डेयरियों में थी सप्लाई: राजस्थान में CID ने पकड़ी फैक्ट्री

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Nov 8, 2023, 7:37 PM IST

राजस्थान में ठगों का चमत्कार देखिए। बिना एक बूंद असल दूध के 50,000 लीटर दूध बना डाला। ठगों का दुस्साहस ऐसा कि बाकायदा डीग जिले के कैथवाड़ा कस्बे में फैक्ट्री चला रहे थे। पुलिस मुख्यालय सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम ने तड़के छापा मारकर धड़ल्ले से चल रहे दूध के काले कारोबार का खुलासा किया।

जयपुर। राजस्थान में ठगों का चमत्कार देखिए। बिना एक बूंद असल दूध के 50,000 लीटर दूध बना डाला। ठगों का दुस्साहस ऐसा कि बाकायदा डीग जिले के कैथवाड़ा कस्बे में फैक्ट्री चला रहे थे। पुलिस मुख्यालय सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम ने तड़के छापा मारकर धड़ल्ले से चल रहे दूध के काले कारोबार का खुलासा किया। 12 आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। जांच में पता चला कि फैक्ट्रियों में बन रहा दूध दौसा जिले में सप्लाई होता था, बांदीकुई की 2 और बैजूपाड़ा की एक बीएमसी में दूध दिया जा रहा था। सिकराय कस्बे की डेयरियों में भी दूध की सप्लाई थी। 

फैक्ट्री में डेली तैयार होता था 50 हजार लीटर दूध

एडीजी अपराध दिनेश एमएन ने बताया कि स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ कार्रवाई कर कैथवाड़ा में सिंथेटिक दूध बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई है। फैक्ट्री में डेली लगभग 50 हजार लीटर दूध तैयार होता था, जिसे सप्लाई किया जा रहा था। सीआईडी की टीम ने मौके से  लगभग 50 हजार लीटर सिंथेटिक दूध, पनीर, मावा के अलावा दूध के तीन छोटे टैंकर भी जब्त किए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दूध व अन्य खाद्य पदार्थ के सैंपलिंग की।

कमालिया आइस इंडस्ट्रीज एवं मिल्क चिलिंग प्लांट में बनाया जा रहा था दूध

एडीजी ने बताया कि सिंथेटिक दूध कैथवाड़ा इलाके में स्थित कमालिया आइस इंडस्ट्रीज एवं मिल्क चिलिंग प्लांट में बनाया जा रहा था। जिसमें केमिकल का यूज होता था। दूध तैयार करने के बाद उसे छोटे टैंकरों से दौसा जिले में लाया जाता था और वहां बांदीकुई की बीएमसी रलावता और झुंपडीन के अलावा बैजूपाड़ा की बीएमसी बिवाई में दिया जाता था। सिकराय कस्बे की तीन दूध डेयरियों में भी इस दूध की सप्लाई की जाती थी। बीएमसी के संचालक इसी नकली दूध को जयपुर की सरस डेयरी में देते थे। दूध के काले कारोबार में बीएमसी अध्यक्ष की भूमिका भी संदिध पाई गई है।

केमिकल से तैयार होता था दूध

आपको जानकर ताज्जुब होगा कि फैक्ट्री में तैयार सिंथेटिक दूध में असल दूध की एक बूंद भी नहीं होती थी। उसमें हाइड्रो पेरोक्साइड, यूरिया, पाम आयल, कास्टिक सोडा, मिल्क पाउडर का यूज होता था। इन चीजों को एक निश्चित मात्रा में मिलाकर मशीनों के जरिए सिंथेटिक दूध तैयार किया जाता था। क्राइम ब्रांच ने बुधवार को फैक्ट्री पर छापा मारा था। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि उन्होंने फैक्ट्री में कभी किसी दूधारू जानवर को अंदर जाते नहीं देखा। इसके बावजूद डेली दूध के टैंकर फैक्ट्री से निकलते थे।

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