हांगकांग की शीर्ष अदालत ने ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाते हुए शहर में एक समलैंगिक जोड़े को रहने और काम करने का अधिकार दिया है। दिलचस्प बात ये कि हांगकांग में समलैंगिकता को कानूनी मान्यता नहीं है।
फ़ैसले से पहले कपल को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। कपल की तरफ से ‘क्यूटी” के रूप में अपनी पहचान ज़ाहिर की गई है। क्यूटी अपने साथ के साथ 2011 में ब्रिटेन से हांगांकांग शिफ्ट हुई थी। क्यूटी को हांगकांग के कानूनों के कारण अपनी समलिंगी साथी के साथ रहने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहां 2014 में क्यूटी को डिपेंडेंट विज़ा देने से इनकार कर दिया गया। शहर में क्यूटी के पार्टनर की नौकरी के बावज़ूद उसे विज़िटर विज़ा पर रहने को मज़बूर किया गया। इसके खिलाफ़ कपल ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया। सितंबर में 2017 में हांगकांग की एक अदालत में कपल के पक्ष में ही फैसला आया, जहां इमिग्रेशन अधिकारी लैंगिक आधार पर वीज़ा की मनाही के कारणों को सही तरीके से रख नहीं पाए। अदालत के इस फैसले को सरकार ने शहर की सुप्रीम अदालत में चुनौती दी जहां इस कपल की तीन साल की लंबी लड़ाई का अंत हुआ। इस दौरान क्यूटी और उसके पार्टनर को बैंकों और लॉ फर्मों से समर्थन मिला, इनकी दलील ये थी कि कपल अपनी प्रतिभा कारण शहर में रहने का हकदार है।
आपको बता दें कि 1991 से ही चीन के स्वशासित हांगकांग शहर में समलैंगिक शादियों पर प्रतिबंध है और इसको लेकर 'एलजीबीटी' समूह अक्सर प्रदर्शन करते हैं।