उत्तराखंड के गांवों में मिलेगी हेल्प डेस्क की सुविधा, दूर दराज के लोगों को होगा फायदा

जानकारी के मुताबिक राज्य के पंचायत विभाग ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने इस योजना का खाका पेश किया है और सरकार इस योजना को लेकर काफी तेजी से काम कर रही है। राज्य के पंचायत सचिव हरिचंद्र सेमवाल के मुताबिक सरकारी ई-मार्केट के जरिये इस  योजना को तैयार किया गया है और अगले महीने नौ नवंबर को इस योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी है।

Help desk facility will be available in villages of Uttarakhand, people from far flung areas will benefit

नई दिल्ली।  उत्तराखंड के गांवों में रहने वाली 70 लाख से अधिक की आबादी को अब राज्य सरकार हेल्प डेस्क की सुविधा देने की तैयारी में है। इससे  दूर दराज के गांवों में रहने वाले लोगों को लाभ मिलेगा। सरकार लाखों की संख्या में गांवों में रहने वालों लोगों की समस्याओं का निदान करेगी। इस डेस्क के जरिए 63 हजार से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही गांवों के अन्य लोग अपनी समस्याओं को  सरकार के सामने रख सकेंगे और इसके जरिए लोग जरूरी परामर्श ले सकेंगे और योजनाओं की जानकारी विभिन्न विभागों से सीधे हासिल कर सकेंगे।

जानकारी के मुताबिक राज्य के पंचायत विभाग ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने इस योजना का खाका पेश किया है और सरकार इस योजना को लेकर काफी तेजी से काम कर रही है। राज्य के पंचायत सचिव हरिचंद्र सेमवाल के मुताबिक सरकारी ई-मार्केट के जरिये इस  योजना को तैयार किया गया है और अगले महीने नौ नवंबर को इस योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी है। इससे राज्य की लाखों की संख्या की आबादी को लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत ई-मेल, व्हाट्सअप, दूरभाष, एसएमएस आदि के जरिए  अपनी समस्याओं को सरकार को भेजा जा सकेगा और इसे उपभोक्ता सेवा केंद्रों, सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए जोड़ा जाएगा। इस योजना का असली मकसद पंचायतों का क्षमता विकास करना है।

सेमवाल ने बताया कि पंचायत निदेशालय के स्तर पर स्थापित होने वाली हेल्प डेस्क पंचायत विभाग के जरिए दस हजार लोगों से अलग-अलग संचार माध्यमों से जुड़ सकेगा। इस डेस्क के जरिए ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर गांव का कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या को सरकार के सामने ला सकेगा और सरकार के स्तर पर संबंधित विभाग को उसे आगे प्रेषित किया जाएगा और वह सरकारी योजनाओं से लेकर अन्य मामलों में परामर्श ले सकेगा। उनका कहना है कि हेल्प डेस्क सिर्फ पंचायत विभाग के तहत ही नहीं है बल्कि पंचायत को संविधान के तहत सौंपे गए 29 विषयों शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सफाई आदि से संबंधित विभाग भी इसमें शामिल हैं।
 

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