पाकिस्तान में सेना और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाली गुलालाई इस्माइल अब पाकिस्तान में देशद्रोह का आरोप झेल रही है। हालांकि इस्माइल पाकिस्तान छोड़कर अमेरिका चली गई है और वहां उसने शरण मांगी है। क्योंकि पाकिस्तान में उसकी जान को खतरा है। इस्माइल को अमेरिका में वहां के सांसद भी समर्थन दे रहे हैं। इस्माइल खुशकिस्मत है कि वह पाकिस्तान से भागकर अमेरिका पहुंच गई।
नई दिल्ली। पाकिस्तान में सेना किस तरह से आम लोगों पर अत्याचार करती है। खासतौर से बलूचिश्तान या उन इलाकों में जहां पर आजादी की मांग उठ रही है। पाकिस्तान सेना वहां पर महिलाओं और बच्चियों को निशाना बनाते हैं और उनका यौन शोषण करते हैं। लिहाजा इसके लिए आवाज उठाने वालों या तो मार दिया जाता है या फिर उन्हें जेल में बंद कर दिया है। इसके खिलाफ आवाज उठाने वाली गुलालाई इस्माइल को पाकिस्तान की इमरान सरकार ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
पाकिस्तान में सेना और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाली गुलालाई इस्माइल अब पाकिस्तान में देशद्रोह का आरोप झेल रही है। हालांकि इस्माइल पाकिस्तान छोड़कर अमेरिका चली गई है और वहां उसने शरण मांगी है। क्योंकि पाकिस्तान में उसकी जान को खतरा है। इस्माइल को अमेरिका में वहां के सांसद भी समर्थन दे रहे हैं। इस्माइल खुशकिस्मत है कि वह पाकिस्तान से भागकर अमेरिका पहुंच गई। नहीं तो वह भी पाकिस्तानी सेना के जुल्म का शिकार बनती। इस्माइल इसी साल अगस्त में भागकर अमेरिका पहुंची और उसने वहां राजनीतिक शरण की मांग की है।
गुलालाई इस्माइल देश की सेना द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों को दुनिया के सामने उजागर किया तो पाकिस्तान की सरकार ने उस पर राजद्रोह का आरोप लगाया। जिसके बाद इस्माइल को पाकिस्तान से भागना पड़ा। हालांकि इस्माइल का दावा है कि वह अमेरिका हवाई मार्ग से नहीं गई। हालांकि वह ये नहीं बता रही हैं कैसे गई। क्योंकि कहना है कि अगर उन्होंने सच बताया तो उसकी मदद करने वालों को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल इस्माइल अपनी बहन के साथ अमेरिका के ब्रूकलिन में रह रही हैं।
इस्माइल ने पाकिस्तानी सेना द्वारा यौन शोषण और अत्याचार पर आवाज उठाई थी और इसके लिए उसने एक एनजीओ का गठन किया था। फिलहाल इस्माइल ने दुनिया के सामने पाकिस्तान की पोल खोल दी है जबकि पाकिस्तान दुनिया में कश्मीर के मामले को बढ़चढ़ कर उठा रहा है। पश्तून तहफ्फुज आंदोलन (पीटीएम) की कार्यकर्ता गुलालाई पर आतंकवाद निरोधी कानूनों के तहत देशद्रोह के आरोप लगाए गए हैं। यही नहीं इमरान सरकार ने उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया था।