CAA News: चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा कदम,देश में लागू हुआ नागरिकता संशोधन कानून

By Anshika TiwariFirst Published Mar 11, 2024, 5:05 PM IST
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Citizenship Amendment Act: लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी खबर सामने आई है। जहां केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। ऐसे में अब देशभर में CAA लागू हो गया है। 

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले देश में CAA लागू हो गया है। मोदी सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। वह इस कानून के बाद तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। इसके लिए बाकायदा ऑनलाइन पोर्टल है जहां पर वह भारत की नागरिकता के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। 

गृह मंत्री अमित शाह की CAA पर दो टूक

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह कई बार लोकसभा चुनाव से पहले देश में नागरिकता संसोधन अधिनियम को लागू करने करने का संकेत दे चुके थे। उन्होंने कहा था कि CAA को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी साथ में स्पष्ट किया था कि सीएए से किसी की भी नागरिकता को खतरा नहीं होगा। बता दें, CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे पाकिस्तान,बांग्लादेश,अफगानिस्तान से आए हिंदू सिख,जैन, पारसी,इसाईयों और गैर प्रवासियों को भारत की नागरिकता देना है। 

3 देशों के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को मिलेगी नागरिकता

नागरिकता संसोधन कानून के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़ तीन मुस्लिम देशों से आने वाले अन्य धर्मों के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से वेब पोर्टल भी तैयार किया गया है।  यहीं पर तीनों देशों से आए अल्पसंख्यकों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उनकी सरकारी जांच-पड़ताल के बाद ही भारत की नागरिकता दी जाएगी  पाकिस्तान-अफगानिस्तान और बांग्लादेश से विस्थापित अल्पसंख्यकों को किसी भी तरह के दस्तावेज दिखाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। 

2019 में मोदी सरकार ने किया CAA कानून में संसोधन

गौरतलब है, 2019 में मोदी सरकार ने CAA कानून में संशोधन किया था। जहां बांग्लादेश,अफगानिस्तान और पाकिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए छह माईनॉरिटी (हिंदू,पारसी,जैन,बौद्ध,सिख और ईसाई) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इससे इतर पिछले 2-3 सालों में 9 राज्यों में 30 से ज्यादा जिला मजिस्ट्रेट,गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों (जिनमें छह धर्म शामिल हैं) उन्हें भारत की नागरिकता देने की शक्तियां प्रदान की गई हैं। गृह मंत्रालय की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, गैर मुस्लिम समुदाय के टोटल 1416 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है। 

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