‘माय नेशन-जन की बात’ सर्वे: मोदी को सत्ता से हटाना मुश्किल

65 फीसदी जनता ने महागठबंधन को नकारा, हालांकि यूपी और बिहार के लोगों की राय - माया, अखिलेश, तेजस्वी, राहुल साथ आए तो भाजपा की राह होगी कठिन

MY NATION-JANN KI BAAT SURVEY: INDIA GIVES THUMBS DOWN TO MAHAGATHBANDHAN

नरेंद्र मोदी-अमित शाह के रणनीतिक चक्रव्यूह को भेदना विपक्ष के लिए चुनौती बन गया है। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से इस जोड़ी ने एक के बाद एक कई राज्य भाजपा की झोली में डाले हैं। विपक्षी दलों को इस जोड़ी का तोड़ निकालने का रास्ता नहीं सूझ रहा। शायद यही वजह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की कोशिशें तेज हुई हैं। मोदी-शाह का विजयरथ रोकने के लिए देश भर में ‘महागठबंधन’ के विचार को आगे बढ़ाया जा रहा है, लेकिन वैचारिक मतभेदों के बावजूद बनने वाले इस संभावित सामूहिक गठजोड़ के विचार से जनता प्रभावित नजर नहीं आती। ‘माय नेशन-जन की बात’ के सर्वे में 65 फीसदी लोगों ने 'महागठबंधन' को खारिज कर दिया। महज 35 फीसदी ही इसके समर्थन में दिखते हैं।

क्या संभव है मोदी को सत्ता से हटाना?

सर्वे के दौरान सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या मोदी को एकजुट विपक्ष सत्ता से बेदखल कर सकता है? 42.72% लोगों का मानना है कि यह मोदी के लिए चुनौती तो खड़ी करेगा लेकिन उन्हें सत्ता से नहीं हटा सकता। दिलचस्प बात यह है कि 28.18% लोग मानते हैं कि महागठबंधन का विचार मोदी को ही मजबूत करेगा। इस तरह सर्वे में शामिल 75.90% लोगों का कहना है कि महागठबंधन मोदी को नहीं हरा सकता। 24.10% लोगों को ही ऐसा लगता है कि अगर सभी विपक्षा दल एक साथ आ जाएं तो मोदी का हराया जा सकता है। 

महागठबंधन जीता भी तो कितनी चलेगी सरकार

अगर महागठबंधन जीत जाता है तो क्या संयुक्त विपक्ष की सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी? इस सवाल पर लोगों की स्पष्ट राय सामने आई। 79% लोग मानते हैं कि महागठबंधन सरकार बना भी लेता है तो उसका पांच साल चलना मुश्किल है। 21 फीसदी लोगों का मानना है कि महागठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सकती है। 

 मोदी के सामने पीएम का चेहरा कौन

धर्म और जाति के आधार पर बनने वाले महागठबंधन को अगर मोदी को मजबूत चुनौती देनी है तो उसे पीएम के चेहरे की जरूरत होगी। सवाल यह है कि मोदी के मुकाबले किसका चेहरा आगे किया जा सकता है। यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देशभर में दूसरे नेताओं पर अच्छी खासी बढ़त हासिल है। सर्वे में शामिल 47% लोगों का मानना है कि मोदी के खिलाफ राहुल पीएम का चेहरा हो सकते हैं। भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चा बनाने की कोशिशों में जुटीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 12% वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं। दलित राजनीति के चेहरे मायावती को 9.6% लोगों का समर्थन हासिल है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 4.54% लोग पीएम के संभावित चेहरे के तौर पर देखते हैं। 4% लोगों की नजर में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पीएम पद के उम्मीदवार बन सकते हैं। 1.81% राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव को पीएम पद के उभरते चेहरे के तौर पर देखते हैं। सर्वे में 21.05% लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने यह तय नहीं किया है कि वे किसे चुनेंगे।

यूपी-बिहार बढ़ा सकता है भाजपा की मुश्किल

हिंदी पट्टी के दो बड़े राज्यों यूपी और बिहार में महागठबंधन की स्वीकार्यता सबसे अधिक है। यूपी में करीब 50% लोग महागठबंधन को एक बड़ी ताकत के तौर पर देखते हैं। उनका मानना है कि संयुक्त विपक्ष को अनदेखा नहीं किया जा सकता। बिहार में ऐसा मानने वालों की संख्या 47% है। पश्चिम बंगाल, जहां भाजपा कभी सत्ता में नहीं रही, वहां 39% लोग महागठबंधन के पक्ष में नजर आते हैं। 

क्या होगी कांग्रेस की भूमिका

अब यह कोई छिपी बात नहीं है कि राहुल गांधी कांग्रेस को विपक्ष की अगुवाई करते देखना चाहते हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने पहली बार पीएम का चेहरा बनने की इच्छा जताई थी। सर्वे में शामिल 59.54% लोगों का मानना है कि सबसे पुरानी पार्टी विपक्षी जमावड़े में मुख्य भूमिका निभाएगी। कांग्रेस के लिए चिंता की बात यह है कि 40.46% लोगों का मानना है कि कांग्रेस ‘बड़े भाई’ की भूमिका में नहीं होगी।  

कैसे एकजुट रहेगा विपक्ष

ऐसा क्या है, जो तमाम मतभेदों के बावजूद विपक्ष को एकजुट रख सकता है। 72.27% लोगों का मानना है कि मोदी को तत्काल रोकने के लिए सभी के पास साथ रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। आखिर, ऐसा क्या था, जिसने यूपी में दो बड़े विरोधियों सपा-बसपा को साथ आने पर मजबूर कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार इस बात को कह चुके हैं। वह इसे अपनी ताकत के तौर पर दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। 17.72% लोगों मानना है कि सरकार की योजनाएं धरातल पर नहीं पहुंची हैं। 
 

vuukle one pixel image
click me!