देश की सबसे ताकतवर धनुष तोप सेना के हवाले कर दी गई है। लंबी और जटिल परीक्षण प्रक्रिया को पास कर इस तोप को अब देश की रक्षा के उपयोग मे लाया जा सकेगा।
155 एम.एम. इन्डीजीनस आर्टिलरी गन याने बार्फोस के स्वदेशी वर्जन धुनष तोप ने सभी परीक्षण पास कर लिए है 2011 से शुरू धनुष प्रोजेक्ट का काम 2014 मे पूरा हो गया था और लगातार 4 सालों से इसका परीक्षण जारी था।
गन कैरेज फैक्ट्री के जीएम रजनीश जौहरी ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले चरण मे फैक्ट्री द्वारा निर्मित की गई 6 धनुष तोपों की डिलेवरी 31 मार्च तक कर दी जाएगी।
जबलपुर के गन कैरिज फैक्ट्री मे निर्मित इस तोप को कई दौर के परीक्षण से होकर गुजरना पड़ा था। ठंड बरसात और गर्मी अलग अलग वातावरण मे भी इसकी जांच की गई थी और अंत मे पोखरण मे हुए आर्टिलरी गन टेस्ट को भी धनुष ने पास कर लिया।
बीते माह ही फैक्टरी को 114 धपुष तोपो के निर्माण का आर्डर मिला था जिसके तहत पहली धनुष तोप की डिलीवरी आज सेना को दी गई। डिलीवरी से पहले तोपो का पूजन भी किया गया। सेना के तोपखाने में जितनी भी तोपें हैं, उनमें सबसे ज्यादा मारक क्षमता 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप की है । इसे ठीक सटीक निशाने पर करीब 38 किलोमीटर की दूरी से हमला किया जा सकता है।
मौजूदा तोप मे 81 प्रतिषत स्वदेशी पुर्जों का इस्तेमाल किया गया है और आगामी दिनो मे इसे पूर्ण स्वेदशी कर दिया जाएगा। धनुष के टेस्ट मे पास हो जाने के बाद अब पहले फेस मे कुल 114 तोपे बनाई जाऐंगी जबकि कुल टार्गेट 414 तोपो का है।
आपको बता दें कि धनुष तो में चीनी बैरिंग लगने का मामला भी सामने आया था जिस पर जबलपुर आ कर सीबीआई ने जांच भी की थी।