एनआरसी का विरोध कर मुस्लिम समुदाय के नेताओं से मिलने असम के सिलचर पहुंचे टीएमसी नेताओं को सिलचर एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया। एयरपोर्ट के आस-पास धारा 144 लगा दी गई है।
असम में एनआरसी के मसौदे में जिन 40 लाख लोगों का नाम नहीं आ रहा है और इस कारण जो विरोध-प्रदर्शन पर उतारू हैं, उनसे मिलने टीएमसी के सांसदों-मंत्रियों का दल सिलचर एयरपोर्ट पहुंचा था।
बंगाल सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में पहुंचे दल में डेरेक ओ ब्रायन भी शामिल थे।
ये दल दोपहर 1.50 पर जेट एयरवेज़ की फ्लाइट से दिल्ली से असम के सिलचर पहुंचा था। विमान से यात्रा कर रहे सभी यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर जाने दिया गया लेकिन इन नेताओं को रोक दिया गया। चश्मदीदों के मुताबिक नेताओं और सुरक्षा अधिकारियों के बीच जमकर बहस हुई। अधिकारियों की तरफ से टीएमसी नेताओं को एयरपोर्ट के अंदर ही रहने या वापस लौट जाने को कहा गया। असम सदर्न रेंज के डीआईजी खुद मौके पर मौजूद थे।
A delegation of Trinamool members comprising 6MPs, 1 State Minister and 1 MLA was illegally caught detained today at Silchar Airport. They had not gone there to break the law. Yet, they were beaten up. Senior MPs were pushed and shoved. Female MPs were manhandled. 1/2
— AITC (@AITCofficial)
First learn the basic difference between a bona fide citizen, refugee&an illegal migrant,before trolling ! had the gall to disallow Governor,,from visiting victims of &here you are,whining about your MPs,being detained at Silchar! https://t.co/1URmmTWVMe
— Sanju Verma (@Sanju_Verma_)
Stopping the Members of Parliament at the Silchar Airport was a total overreaction. I had written to Chief Secretary Assam this letter at 11 am. pic.twitter.com/AaqhYb9iTC
— Sushmita Dev (@sushmitadevmp)सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने पूरे मामले को ‘फिलहाल का आपातकाल’ कहा। घटना को लेकर कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने असम के मुख्य सचिव को अपनी शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, बीजेपी के अनिर्बान गांगुली ने आरोप लगाया कि टीएमसी के नेता राज्य में माहौल खराब करने पहुंचे थे।
जबसे एनआरसी का मसौदा सामने आया है, टीएमसी ने इसपर अपना रुख़ आक्रामक कर लिया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा है कि 40 लाख लोगों, जिनका नाम एनआरसी में नहीं है, को वापस भेजने पर सिविल वार के हालात हो सकते हैं। बीजेपी लगातार इस देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मसला बता रही है और पार्टी की तरफ से कहा जा रहा है कि इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता।