आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 प्रतिशत घटाया, होम लोन ग्राहकों को मिलेगी राहत

बजट में आम लोगों को कर में राहत देने के बाद आरबीआई से जिसकी उम्मीद थी, आज आरबीआई ने उसी की घोषणा कर होम लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत दी है। आरबीआई ने आज रेपो रेट में .25 फीसदी की कमी की। इससे सीधा फायदा होम लोन लेने वाले उपभोक्ताओं को मिलेगा। 

RBI cut repo rate on basis .25 percent, home loan buyers will get benefit

बजट में आम लोगों को कर में राहत देने के बाद आरबीआई से जिसकी उम्मीद थी, आज आरबीआई ने उसी की घोषणा कर होम लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत दी है। आरबीआई ने आज रेपो रेट में .25 फीसदी की कमी की। इससे सीधा फायदा होम लोन लेने वाले उपभोक्ताओं को मिलेगा। बजट के बाद ऐसा माना जा रहा था कि केन्द्रीय बैंक भी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए रेपो रेट में कमी कर सकता है।

तीन दिनों तक चली रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बोर्ड की बैठक के बाद आज इस पर अंतिम मोहर लगी। आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) ने समीक्षा करते हुए ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई है। इससे सीधा फायदा होम लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा। वर्तमाम में आरबीआई का रेपो रेट अभी 6.50 फीसदी है और आज के फैसले के बाद ये घटकर 6 .25 फीसदी हो गया है।RBI cut repo rate on basis .25 percent, home loan buyers will get benefit

बैंक के इस फैसले के बाद देश के करोड़ों लोगों को फायदा मिला है। बैंक ने पिछली बैठक में इसमें कोई बदलाव नहीं किया था और बैंक ने 1 अगस्त 2018 को रेपो रेट 0.25 फीसदी बढाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया था। ऐसा कहा जा रहा है कि एमपीसी के छह में से चार सदस्यों ने रीपो रेट में कटौती का समर्थन किया जबकि दो अन्य सदस्यों, विरल आचार्य और चेतन मौजूदा दर को कम करने के पक्ष में नहीं थे।

पिछले दिनों आरबीआई और सरकार के बीच हुए मतभेद के बाद बैंक के गवर्नर का चार्ज लेते ही शशिकांत दास ने ये साफ कर दिया था कि देश की अर्थव्यवस्था को सरकार और बैंक दोनों को चलाना होता है और दोनों में टकराव से अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। लिहाजा बजट में जिस तरह के मोदी सरकार ने आम लोगों को राहत दी है, उसके बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि अपनी मौद्रिक नीति में आरबीआई लोगों को राहत देगी। असल में रेपो रेट को कम करने के पीछे कच्चे तेल की कीमत में स्थिरता और डॉलर के मुकाबले रुपये में स्थिरता के कारण महंगाई दर में कमी आना बड़ा कारण माना जा रहा है।

क्या है रेपो रेट

रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। यानी बैंक उसी पैसे को अपने ग्राहकों को देते हैं और मुनाफा कमाते हैं। जब भी बैंकों के पास पैसे की कमी होती है तो वह आरबीआई से कर्ज लेते हैं। आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है और इसे ही रेपो रेट कहा जाता है।
 

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