शरिया कोर्ट बनाम परिवार सुलह केंद्र, पर्सनल लॉ बोर्ड को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की चुनौती

By Siddhartha Rai  |  First Published Aug 8, 2018, 5:03 PM IST

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के शरिया अदालत लगाने के ऐलान पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने बड़ा कदम उठाया है। शरिया अदालतों को कुरीतियों का जखीरा कहते हुए मंच ने परिवार सुलह केंद्र लगाने शुरू कर दिए हैं।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की योजना को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कड़ी चुनौती दी है। ये एआईएमपीएलबी के मंसूबों को तगड़ा झटका है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने पर्सनल लॉ बोर्ड की भारत में शरिया अदालतें (दारुल-कज़ा) लगाने की काट निकालते हुए पारिवारिक मध्यस्था केंद्र लगाने की ना सिर्फ योजना बनाई बल्कि इसकी शुरुआत कर दी है। 


मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, राष्ट्रवादी मुसलमानों का संगठन है। इसका संचालन आरएसएस के अधीन है जिसका कामकाज इंद्रेश कुमार देखते हैं। एमआरएम ने परिवार सुलह केंद्र का उद्घाटन भी कर दिया है। पहला परिवार सुलह केंद्र जयपुर में बना है। जो मुसलमान परिवारों के घरेलू कलह के निपटारे के लिए मध्यस्थता का काम करेगा।


मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल ने माय नेशन को बताया है कि, “हम शरिया मुस्लिम परिवारों पर शरिया कानूनों की आंच नहीं आने देने चाहते। हमारा मुख्य उद्देश्य परिवारों को एकजुट रखना है। हम तीन तलाक और हलाला जैसी कुरीतियों से मुस्लिम समाज को बचाना चाहते हैं”।


अफजल ने कहा कि अगले एक साल में मंच देशभर के 700 जिलों में ऐसे केंद्रों की स्थापना करेगा। उन्होंने कहा कि, “पहले चरण में महीने भर में 100 जिलों में 100 केंद्रों के स्थापना की तैयारी है। खास तौर पर वहां जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है”।


“ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, तीन तलाक और हलाला की चक्की में पिस रहे मुसलमानों की चिंता नहीं करता है। वो इस्लमा के नाम पर अपनी दुकानदारी चलाना चाहते हैं। वो इस्लाम का सही रूप भी सामने नहीं लाते” बातचीत के दौरान अफजल ये भी कहते हैं।


मोहम्मद अफजल आगे कहते हैं कि, “पर्सनल लॉ बोर्ड को सिर्फ सिविल और घरेलू मामलों में ही शरिया का ख्याल क्यों आ रहा है। वो क्रिमिनल केसों में भी आगे आएं तो बात बने न। ऐसे में तो चोरी आदि करने पर आरोपी के हाथ काट देने चाहिए”।

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