रंग लाई नई दिल्ली की कूटनीतिक कोशिशें, भारतीय बैंकों ने तेज किए 9,000 करोड़ के बकाए की वसूली के प्रयास, ब्रिटिश अदालत खारिज कर चुकी है शराब कारोबारी की याचिका
कानूनी शिकंजे से बचने की भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की तमाम कोशिशें नाकाम हो गई हैं। भारत के बाद ब्रिटेन में भी उसकी संपत्तियां जब्त करने का रास्ता खुल गया है। ब्रिटिश हाईकोर्ट (वाणिज्यिक) ने प्रवर्तन अधिकारियों को इसकी अनुमति दे दी है। अब भारत में माल्या की 9,000 करोड़ रुपये की बैंक देनदारियों के लिए इन संपत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक अरिजित बासु के अनुसार, भारतीय बैंक ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि इन संपत्तियों से ज्यादा से ज्यादा वसूली सुनिश्चित की जा सके।
ब्रिटिश अदालत के 26 जून के आदेश में कहा गया है, ‘अधिकारी जरूरत पड़ने पर माल्या के परिसरों में घुसने के लिए उचित बल का प्रयोग कर सकते हैं।’ बासु ने यहां कहा, ‘हम कोर्ट के आदेश से काफी खुश हैं। इस तरह के आदेश के बाद हम उसकी संपत्तियों पर कार्रवाई कर सकते हैं।’ उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि कितनी रकम वसूली जानी है। अलबत्ता, उम्मीद जताई कि माल्या की देनदारी का एक बड़ा हिस्सा वसूल लिया जाएगा। इस आदेश के कानूनी अधिकारियों को वेलविन के टेविन स्थित लेडीवॉक और ब्रेम्बले लॉज में प्रवेश की इजाजत मिल गई है। यही इस समय माल्या की रिहाइश है।
हालांकि, आदेश में परिसर में घुसने को लेकर सीधा कोई निर्देश नहीं हैं, पर बैंकों के पास यह विकल्प होगा कि वे इस आदेश का इस्तेमाल अपनी लगभग 1.145 मिलियन पाउंड यानी करीब दस हजार करोड़ रुपये की राशि की वसूली के लिए कर सकते हैं।
हाल ही में, ब्रिटिश हाईकोर्ट के एक जज ने 13 भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम के पक्ष में एक आदेश जारी किया था। यह फैसला उस राशि की वसूलने के लिए था, जो भगोड़े शराब कारोबारी माल्या ने उनसे कर्ज के तौर पर ली थी। माल्या इस समय अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ ब्रिटेन में कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। उस पर भारत में 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोप हैं।
जून में माल्या ने अपनी संपत्ति को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में एक आवेदन दिया था। यह उन नाकाम प्रयासों में से एक था, जो उसने अपने खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई को रोकने के लिए किए। 2014 में इसी अदालत ने उसके खिलाफ आपराधिक मामले खत्म करने के अनुरोध को ठुकरा दिया था।
बासु ने कहा कि ब्रिटेश अदालत ने माल्या की दुनिया भर में मौजूद संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है। भारत बैंक माल्या को दिए गए कर्ज की पाई-पाई वसूलने को कोशिश में लगे हैं। इसके लिए बाकायदा संपत्ति का मूल्यांकन करने वालों की नियुक्ति की गई है।
एसबीआई की अगुवाई वाले 13 बैंकों के कंसोर्टियम ने माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दिया था। ये बैंक हैं, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑप बड़ौदा, कार्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑप मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी प्रा. लि.। भारत में वसूली के बारे में पूछे जाने पर बासु ने कहा, कंसोर्टियम ने माल्या की संपत्तियों की नीलामी से अभी तक 963 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
पिछले महीने, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने माल्या के प्रत्यर्पण की मांग पर भरोसा दिलाते हुए कहा था कि इस मामले में द्विपक्षीय प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला उपयुक्त कानूनी चैनल के जरिये आगे बढ़ रहा है। मैंने गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू से बात की है और उन्हें इसका भरोसा दिलाया है।’’
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ब्रिटिश अदालत द्वारा भारतीय जेलों की स्थिति को लेकर सवाले उठाने जाने पर नाखुशी जता चुके हैं। इस बीच, भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी भी सुरक्षित पनाहगाह की तलाश में है। वह हांगकांग से लेकर ब्रिटेन तक का दरवाजा खटखटा चुका है। भारतीय एजेंसियों ने इंटरपोल को इन वांछितों को लेकर अलर्ट कर दिया है ताकि वे अपने लिए स्थायी पनाह पाने में सफल न हो सकें।