Dhari Devi Temple: चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से आरंभ होने हैं जो 17 तारीख तक चलेंगे। इस दिन रामनवमी मनाई जाएगी। माता रानी की विशेष पूजा-अर्चना के लिए नवरात्रि में भक्त कई मंदिरों के दर्शन करते हैं। आज ऐसे ही मंदिर के बारे में जानेंगे। जो चमत्कारी होने के साथ रहस्यमयी भी है। मान्यता है नवरात्रि में जो भी भक्त सच्चे मन से मनोकामना लेकर माता के दरबार में जाता है उसकी हर इच्छा जरूर पूरी होती है। इस मंदिर को खास बनाती है यहां स्थित मात की मूर्ति। कहा जाता है माता रानी का रूप दिन में तीन बार परिवर्तित होता है। 

 

देवभूमि के पहाड़ियों पर स्थित माता धारी देवी मंदिर

दरअसल,ये रहस्यमयी मंदिर देवभूमी उत्तराखंड की पहाड़ियों पर स्थित है। जहां हर श्रद्धालु खींचा चला आता है। स्थानीय लोग के बीच यह माता धारी देवी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। झील के बीचों-बीच स्थित ये मंदिर माता काली को समर्पित है। कहा जाता है। यही से धारी वाली माता चारो धाम की रक्षा करती हैं और किसी भी बड़ी विपत्ति को आने से रोकती है। इस मंदिर का रहस्य है कि सुबह के वक्त मूर्ति का कन्या रूप में,दोपहर में युवती और शाम होते होते ये वृद्ध अवस्था में दिखाई देने लगती है। आजतक कोई भी इस रहस्य को सुलझा नहीं सका है। 

 

उत्तराखंड की आपदा का धारी देवी से कनेक्शन

बताया जाता है, 2013 में जब उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा ने कोहराम मचाया था,हर जगह त्राहिमाम था,हजारों लोगों की मौत हो गई थी। ठीक उससे पहले चंद घंटे पहले माता धारी देवी को उनके मूल स्थान से हटाया गया था और कुछ ही घंटो बाद देवभूमि ऐसी त्रासदी की चपेट में था जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। बाद में स्थानीय निवासियों ने इसे माता धारी देवी का प्रकोप बताया था और गलती का एहसास करते हुए माता रानी को फिर से उनके मूल स्थान पर विराजमान कर दिया गया था। 

 

धारी देवी मंदिर कैसे पहुंचे? 

अगर नवरात्रि पर आप धारी देवी मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो सीधा आप ट्रेन से ऋषिकेश पहुंच सकते हैं। यहां से मंदिर की दूरी ज्यादा नहीं है। ये श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच स्थित है। आप टैक्सी और बस लेकर सीधा मंदिर पहुंच जाएंगे। जिसमे ज्यादा से ज्यागा 2-3 घंटे का वक्त लगेगा।

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