Success Story: बिहार के भागलपुर के नाथनगर के रहने वाले अंकित मेहरा का जन्म ए​क सिल्क कारोबारी परिवार में हुआ था। आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद अमेरिका में जॉब मिल गई। करोड़ों के पैकेज पर अच्छी खासी नौकरी कर रहे थे। पर बीच में ही ऐसा कुछ हुआ कि उन्होंने अमेरिकी जॉब छोड़कर भारत का रूख किया और स्टार्टअप ज्ञानधन (GyanDhan Financial Services Pvt Ltd) की शुरूआत की, जो स्टूडेंट्स को एजुकेशन लोन देने का काम करती है। अब उनका यही स्टार्टअप हजारो स्टूडेंट्स की विदेश पढ़ाई में हेल्प कर रहा है। 

अंकित मेहरा एजूकेशन

अंकित मेहरा ने भागलपुर के सेंट जोसेफ स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद परिवार ने हॉयर एजूकेशन के लिए उन्हें दिल्ली भेजने का फैसला किया। उन्होंने दिल्ली के डीपीएस आरकेपुरम से 12वीं की पढ़ाई की और फिर जेईई एग्जाम क्रैक कर IIT Kanpur में एडमिशन लिया। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। 

करोड़ों का पैकेज छोड़ने का फैसला क्यों किया?

IIT से ग्रेजुएशन के बाद अंकित का सेलेक्शन अमेरिका की Capital One Financial Corporation में हुआ, जहां उन्हें शानदार पैकेज मिला। हालांकि, वीजा लॉटरी सिस्टम के कारण उन्हें पहले साल भारत में रहकर काम करना पड़ा। आखिरकार, 2010 में वह अमेरिका जा सके।

2013 में स्पेन से एमबीए

नौकरी के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि हॉयर एजूकेशन और फाइनेंस सेक्टर में बहुत संभावनाए हैं। इसी सोच के साथ उन्होंने 2013 में स्पेन के IESE Business School से MBA करने का फैसला किया। पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात भारत से आई प्रियंका जैन से हुई, जो बाद में उनकी जीवनसंगिनी बनीं। MBA पूरा करने के बाद अंकित ने स्विस इन्वेस्टमेंट बैंक Credit Suisse में समर एसोसिएट के रूप में काम किया। यहीं उन्होंने समझा कि स्टूडेंट फाइनेंसिंग एक बहुत बड़ा सेक्टर है, जिसमें इम्प्रूवमेंट की जरूरत है।

स्टार्टअप इंडिया से मिली प्रेरणा

2015 में जब नरेंद्र मोदी सरकार ने "Startup India" और "Digital India" जैसी योजनाओं को आगे बढ़ाना शुरू किया, तब अंकित को एहसास हुआ कि भारत में भी स्टार्टअप्स के लिए एक अनुकूल माहौल बन रहा है। इसने उनके भारत लौटने के निर्णय को मजबूत दी और वह वापस आए। यहां अपने मित्रों के साथ मिलकर GyanDhan स्टार्टअप की नींव रखी। GyanDhan छात्रों को एजुकेशन लोन दिलाने में हेल्प करता है।

4500 से ज्यादा स्टूडेंटस को एजूकेशन लोन

GyanDhan को 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) का लाइसेंस मिल गया। इसका मतलब था कि अब GyanDhan सिर्फ अन्य बैंकों से लोन दिलवाने का काम नहीं करेगा, बल्कि खुद भी सीधे छात्रों को लोन दे सकेगा। अब तक 4500 से ज्यादा छात्र GyanDhan के माध्यम से विदेश में पढ़ाई के लिए लोन ले चुके हैं। यह स्टार्टअप भारत के टॉप एजुकेशन फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक बन चुका है।

क्या ज्ञानधन सरकारी कंपनी है?

ज्ञानधन लोगों के बीच इतना पॉपुलर हुआ कि गूगल पर अक्सर लोग पूछते हैं "Is GyanDhan Government or Private?" तो इसका जवाब है – GyanDhan एक प्राइवेट NBFC है, जिसे सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है, लेकिन यह निजी स्वामित्व में काम करता है।

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