IAS Success Story: बहुत से लोग मानते हैं कि अच्छी नौकरी मिलते ही उनकी पढ़ाई का असली मकसद पूरा हो जाता है। लेकिन आयुष गोयल की सोच इससे बिलकुल अलग थी। सरकारी स्कूल से आईआईएम तक पहुंचे थे। 28 लाख सैलरी वाली जॉब भी कुछ महीने की। लेकिन सपनों की राह में नौकरी को रोड़ा बनते देख, बड़ा रिस्क लिया। नौकरी छोड़ यूपीएससी प्रिपरेशन शुरू करने का फैसला किया। अब वह 2023 बैच के केरल कैडर के आईएएस हैं। 

आयुष गोयल एजूकेशन

आयुष गोयल की प्रारंभिक शिक्षा किसी कॉन्वेंट स्कूल में नहीं हुई, बल्कि उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूल, राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। उनकी शुरूआत एक साधारण छात्र के रूप में हुई, लेकिन उनके सपने हमेशा बड़े थे। 12वीं में शानदार प्रदर्शन (96.2% अंक) के बाद आयुष ने ग्रेजुएशन किया और CAT परीक्षा की तैयारी की और देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक, IIM कोझिकोड में दाखिला लिया। यहां से उन्होंने अपनी मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की और कॉलेज प्लेसमेंट के दौरान 28 लाख रुपये सालाना की नौकरी हासिल की।

नौकरी छोड़ने का कठिन फैसला

किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए 28 लाख रुपये की नौकरी छोड़ना बहुत कठिन फैसला होता है, खासकर जब वह नौकरी सिर्फ सात महीने पहले ही मिली हो। लेकिन आयुष गोयल ने अपने अंदर की आवाज सुनी और महसूस किया कि उनकी मंजिल कहीं और है। IAS बनने का सपना उनके दिल में हिलोरे मार रहा था, और इसके लिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का बड़ा निर्णय लिया और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

पिता ने पढ़ाई के लिए लिया था 20 लाख का लोन

आयुष गोयल को UPSC की कठिनाई का भली-भांति ज्ञान था। उन्होंने जान लिया था कि यह परीक्षा केवल एक एकेडमिक चुनौती नहीं है, बल्कि मानसिक दृढ़ता, धैर्य और समर्पण की भी परीक्षा है। आयुष के इस फैसले से उनके परिवार को थोड़ी चिंता जरूर हुई। उनके पिता सुभाष चंद्र गोयल, जो किराने की दुकान चलाते थे, उन्होंने आयुष की पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये का लोन लिया था। नौकरी छोड़ने के फैसले के बाद परिवार को लगा कि उनके सपने अधूरे रह सकते हैं, लेकिन आयुष की मेहनत ने उनका विश्वास कायम रखा। आखिरकार 2023 के बैच में उनका IAS के रूप में चयन हो गया। आयुष को EWS कोटा के तहत ऑल इंडिया रैंक 171 मिली और उन्हें केरल कैडर आवंटित किया गया।

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