लखनऊ। सामान्य तौर पर एक-दो एग्जाम में असफलता मिलने के बाद लोग निराश हो जाते हैं। कुशीनगर के मोतीचक ब्लाक स्थित मंगरूआ गांव के रहने वाले अभिषेक सिंह ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा बनकर उभरे हैं। 9 साल में लगातार 23 परीक्षाओं में असफलता मिली। 24वें एग्जाम में राजस्व लेखपाल के पद पर चयनित हुए हैं। माय नेशन हिंदी से बात करते हुए अभिषेक सिंह कहते हैं परिवार और दोस्तों के सपोर्ट ने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई है।

गोरखपुर से शुरुआती पढ़ाई

अभिषेक सिंह ने गोरखपुर के महात्मा गांधी इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की। एचआरआईटी, गाजियाबाद (HR INSTITUTE OF TECHNOLOGY, GHAZIABAD) से साल 2012 में इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री ली और फिर कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी शुरु कर दी। उनके पिता शेष नारायण सिंह किसान हैं और मां रमावती देवी गृहिणी हैं। 

2014 से प्रतियोगी परीक्षाओं में किस्मत आजमाया

अभिषेक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के सिलसिले में दिल्ली भी गए। साल 2014 में पहली बार यूपीपीएससी पीसीएस एग्जाम (UPPSC PCS) का अटेम्पट दिया। उसमें सफलता नहीं मिली। साल 2015 में UP PCS Exam का प्रीलिम्स क्लियर कर मुख्य परीक्षा दी। उसमें भी असफल रहें। अब तक यूपी पीसीएस के 9 अटेम्पट दिए, प्रारम्भिक परीक्षा पास की। यूपीएससी एग्जाम में भी एक बार मेंस तक पहुंचे थे। राजस्थान पीसीएस, लोअर पीसीएस, सप्लाई इंस्पेक्टर परीक्षा में भी प्री-एग्जाम क्लियर किया था। आईबीपीएस पीओ के इंटरव्यू तक पहुंचे थे। प्रतियोगी परीक्षाओं में लगातार असफलता मिलने के बाद भी अभिषेक ने हार नहीं मानी। अब 24वीं बार यूपीएसएसएससी के राजस्व लेखपाल एग्जाम में सफलता हासिल हुई है। 

सबसे बड़ी मोटिवेशन मां 

अभिषेक सिंह की मॉं रमावती देवी हार्ट की पेशेंट हैं। असफलता मिलने पर वह हमेशा उन्हें उत्साहित करती थीं। वह उनके लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन था। दोस्त भी उनकी मेहनत देखकर कहते थे कि तुम कर सकते हो। अभिषेक कहते हैं कि अच्छे दोस्त मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। वह हमेशा आगे बढ़ने में आपकी मदद करते हैं। यदि आपके दोस्त अच्छे हैं तो कुछ समय बाद आपकी मेहनत अपना रंग दिखाने लगती है। उनके लिए सबसे बड़ा स्ट्रगल एक ही एग्जाम को बार-बार फेस करना रहा। 

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