बचपन में पढ़ाई में मन नहीं लगता था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़कर शुरु किया स्पोर्ट्स कॅरियर। इंजरी के बाद फिर पढ़ाई, यूपीएससी क्रैक कर आईआरएस बने। 10 साल बाद नौकरी छोड़ी। अब रवि कपूर एस्पिरेंट्स काे देते हैं सक्सेस के टिप्स।
नयी दिल्ली। देश के लाखों स्टूडेंट हर साल यूपीएससी एग्जाम में बैठते हैं। उनका सपना सिविल सर्विस ज्वाइन करना होता है। रवि कपूर वह शख्स हैं, जिन्होंने यूपीएससी क्रैक कर सिविल सर्विस ज्वाइन किया। 10 साल तक नौकरी की और अब नौकरी छोड़कर यूपीएससी एस्पिरेंट्स को पढ़ाते हैं। उन्हें सिविल सर्विस एग्जाम में सफल होने के टिप्स देते हैं। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी।
बचपन से पसंद था खेल-कूद, पढ़ाई में नहीं लगता था मन
दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे रवि कपूर को बचपन से ही खेल-कूद पसंद था। पढ़ाई में मन बिल्कुल नहीं लगता था। एजूकेशनल अचीवमेंट भी सामान्य थे। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद परिवार के दबाव में इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। पर करीबन साल भर बाद ही उन्हें इस बात का एहसास हो गया कि वह अपनी लाइफ में कुछ और करना चाहते हैं। उनका मन तो बॉडी बिल्डर बनने का था तो उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी।
एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक
रवि कपूर ने बॉडी बिल्डिंग और पॉवर लिफ्टिंग में खूब मेहनत की। प्रतियोगिताओं में शामिल हुए। साल 2006 में पॉवर लिफ्टिंग के क्षेत्र में उपलब्धि भी हासिल हुई। उन्होंने एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। वह यहीं नहीं रूकें। साल 2008 में मिस्टर दिल्ली का खिताब हासिल किया। अब तक उनकी लाइफ में सब ठीक ही चल रहा था। पर एक दुर्घटना ने उनकी लाइफ की हिस्ट्री बदल दी।
इंजरी के बाद स्पोर्ट्स कॅरियर पर लगा विराम
दरअसल, रवि कपूर बॉडी बिल्डिंग और पॉवर लिफ्टिंग में अचीवमेंट से उत्साहित थे। उन्होंने दिल्ली के रग्बी क्लब के लिए खेलना भी शुरु कर दिया। पर एक मैच के दौरान हादसा हो गया। उन्हें इतनी गंभीर इंजरी हुई कि वह 21 दिन तक बेड पर ही रहे, बेड से उठ नहीं सके। उस घटना ने रवि के स्पोर्ट्स कॅरियर पर सवाल खड़े कर दिए। अब तक रवि को महसूस हो चुका था कि उनके स्पोर्ट्स कॅरियर पर लगभग विराम सा लग चुका है। इतनी विपरीत स्थितियों में भी रवि कपूर ने हिम्मत नहीं हारी। बल्कि नये सिरे से अपने भविष्य को संवारने में जुट गए।
पढ़ाई शुरु की, यूपीएससी क्रैक कर बने आईआरएस
अब रवि कपूर ने पढ़ाई शुरु कर दी और यूपीएससी एग्जाम में शामिल होने का फैसला लिया। साल 2009 में उन्होंने यूपीएससी का पहला अटेम्प्ट दिया। पर उसमें अच्छी रैंक नहीं आई। दूसरे प्रयास में 454वीं रैंक हासिल हुई। IRS कैडर मिला। एक IRS अफसर के रूप में काम शुरु किया और साथ ही UPSC Aspirants को गाइड करने लगे। उसी दौरान उनकी ‘द अल्टीमेट चीट बुक’ नाम से आई एक किताब पॉपुलर हो गई। फिर ढेरो एस्पिरेंट्स के सवालों के जवाब देने का सिलसिला शुरु हुआ। यह इतना बढ़ गया कि एक दिन रवि कपूर ने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया और स्टूडेंट्स के लिए फ्री मेंटरशिप प्रोग्राम की शुरुआत कर दी। आज स्टूडेंट्स उनके मेंटरशिप प्रोग्राम का फायदा उठाकर IAS-IPS अफसर बन रहे हैं।
ये भी पढें-क्या ये हैं रतन टाटा के बिजनेस इम्पायर के उत्तराधिकारी, जानिए कौन, क्या करते हैं?
Last Updated Nov 23, 2023, 2:33 PM IST