गुजरात के धांगध्रा में कारपेंटर का काम करने वाले शंभू भाई को चिड़ियों से बहुत प्यार है। उनकी जिंदगी में चिड़ियों को लेकर एक ऐसी घटना घटी की उन्होंने तय कर लिया की 10 साल में वह चिड़ियों के लिए कम से कम 51000 घर लोगों को मुफ्त में बाटेंगे। शंभू भाई का यह लक्ष्य पूरा हो गया है। माय नेशन हिंदी से शंभू ने अपनी पूरी जर्नी शेर की

कौन है शंभू भाई
शंभू भाई गुजरात के धांगध्रा में कारपेंटर का काम करते हैं घर में उनके भाई, मां, पत्नी और एक बच्चा है। शम्भू भाई के पिता भी कारपेंटर थे और उन्होंने पिता से ये काम सीखा था।  शंभू को क्रिकेट खेलने का शौक था साथ ही पढ़ने का भी शौक था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण घर के हालात बदल गए और शंभू को पढ़ाई छोड़कर कारपेंटर का काम करना पड़ा । ग्रेजुएशन का पहला साल उन्होंने कॉलेज अटेंड किया है लेकिन जब फीस देने में परेशानी हुई तो उन्हें पढ़ाई छोड़ना पड़ा। हालांकि फर्नीचर के काम से शंभू के हालात बदल चुके हैं और वह अच्छा पैसा कमाते हैं और पूरे घर को संभालते हैं।

 


चिड़िया का घोंसला बांटने के पीछे क्या वजह है
शंभू कहते हैं साल 2013 की बात है जब उन्होंने चिड़ियों के लिए गत्ते का एक घोंसला लगाया था। चिड़ियों के साथ-साथ उस घोसले में और भी कई पंछी आने लगे और एक दिन चिड़िया का घोंसला गिरकर टूट गया।  उस घोसले में चिड़िया के अंडे भी थे, अंडे भी टूट गए बेचारी चिड़िया कई दिनों तक परेशान रही घोंसले के पास आकर बैठती रही और एक दिन चिड़िया ने आना बंद कर दिया। इस बात ने शंभू के दिल पर गहरा असर किया और उन्होंने तय किया कि अब वह चिड़ियों के लिए मजबूत घोसला बनाएंगे और लोगों को मुफ्त में घोंसला बाटेंगे ताकि हर आदमी अपने घर पर चिड़ियों के लिए घर लगा सके।

 


 

अपने खर्चे पर शंभू बांटते हैं घोसला
शंभू कहते हैं मेरी फर्नीचर की एक छोटी सी वर्कशॉप है जहां में फर्नीचर बनाता हूं। फर्नीचर बनने के बाद  जो लकड़ियां बचती हैं उससे मैं चिड़िया का घोंसला बना देता हूं।  एक घोसले की कीमत लगभग ₹90 के करीब आती है और महीने में शंभू करीब 700  से 800 घोसला लोगों को बांटते हैं। शंभू कहते हैं मैं सोशल मीडिया के जरिए लोगों से खराब लकड़ी या वह लकड़ियां  जिसका इस्तेमाल ना हो मांगने की अपील करता हूं ताकि मैं ज्यादा से ज्यादा चिड़िया का घोंसला बना सकूं और लोगों को बांट सकूं।

 


 

बाहर से भी मिलते हैं ऑर्डर
शंभू भाई ने बताया कि उनके काम की चर्चा अब बाहर भी होने लगी है इसलिए सोशल मीडिया के थ्रू उन्हें बाहर से भी आर्डर मिलते हैं। वेरीफाई करके शंभू लोगों को घोसला भेजते हैं और उनका खर्च सिर्फ कुरियर का ही आता है। शंभू के इस पक्षी प्रेम की चर्चा इतनी होने लगी है की एनवायरमेंट डे ,वाटर डे, स्पैरो डे, पर उन्हें बतौर चीफ गेस्ट कार्यक्रमों में बुलाया जाता है जहां शंभू अपना घोंसला लेकर जाते हैं और लोगों में बांटते हैं। 

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