आगरा। यूपी के आगरा जिले के मृणाल अग्रवाल किसानों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद आईबीएम में तीन महीने नौकरी की। विदेश में भी जॉब के अवसर थे। पर उनका मन अपने इलाके में ही कुछ अलग काम करने का था। सोसाइटी से जुड़े कामों में रूचि थी। एक गांव में फाइनेंसियल लिटरेसी से जुड़ा एक प्रोग्राम कर रहे थे। उसी दौरान नाबार्ड के अधिकारियों से मुलाकात हुई, फॉर्मर प्रोड्यूसर कम्पनी (एफपीओ) के बारे में पता चला तो मृणाल को मानो अपने एरिया में कुछ बेहतर करने जरिया मिला गया और साल 2016 में दिव्यभूमि एफपीओ अस्तित्व में आई। माई नेशन हिंदी से उन्होंने अपने कुछ अनुभव शेयर किए। आइए उनके बारे में जानते हैं।

पहले दूध और सब्जी का शुरु किया काम

मृणाल कहते हैं कि पहले हम लोगों ने दूध और सब्जी को लेकर काम शुरु किया। पशु पालकों से दूध इकट्ठा करके मिठाई और खोवा बनाकर मार्केट में बेचने लगें। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कुछ प्रोडक्ट बनाती हैं। वह भी बाजार में जा रहा है। गेहूं और आलू के बीज की मार्केटिंग भी की जा रही है। सीजनल त्यौहारों पर आर्डर मिलते हैं तो वह भी हम पूरा करते हैं। काम बढ़ने से लोगों को रोजगार भी मिला है। सब्जियों की सप्लाई में करीबन 30, सीड्स और दूध के बिजनेस से 20—20 लोगों को रोजगार भी मिला है। 

किसान मंडी से किसानों का बदलेगा भाग्य

मृणाल ने साल 2021 में मंडी स्थापित करने का काम भी शुरु किया था। शुरुआती दौर में आसपास की मंडी के आढ़तियों की शिकायत के बाद पॉलिसी रिलेटेड इशू भी झेलें। पर अब वह एक बार फिर किसान मंडी शुरु करने की योजना है। साल 2024 में मंडी भी शुरु करेंगे। जहां किसान अपने उपज को बाजार में आसानी से बेच सकेंगे। उनका मानना है कि रिलेटर खुद मंडी तक पहुंचे और अपनी जरुरत की चीजें परचेज करें। इसका फायदा स्थानीय किसानों को होगा। 

एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस केन्द्र से युवा पा रहे रोजगार

मृणाल अग्रवाल करीबन साल भर से एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस केन्द्र भी चला रहे हैं। उनके यहां एग्रीकल्चर बैकग्राउंड के स्टूडेंट शॉर्ट टर्म कोर्सेज करते हैं। खास यह है कि कोर्सेज करने वाले स्टूडेंट्स को उनके ही एफपीओ में रोजगार मिल जाता है। इसकी वजह भी है, क्योंकि खेती किसानी से जुड़े प्रोडक्ट की मार्केटिंग वही शख्स कर सकता है। जिसे कृषि से जुड़ी चीजों के बारे में जानकारी हो। 

कोविड महामारी के दौरान किया ये अनोखा काम

मृणाल अग्रवाल कोविड के दौरान का एक वाकया सुनाते हुए कहते हैं कि उस समय घर पर सब्जी उपलब्ध नहीं थी। उधर, किसानों के फोन आ रहे थे कि उनके खेतों में सब्जियां भरी पड़ी हैं तो मैंने किसानों और लोगों की समस्या हल करने का एक रास्ता निकाला। प्रशासन से जरुरी परमिशन लेकर आगरा की 84 हाउसिंग सोसाइटी में सब्जी की सप्लाई कराई। पूरे कोविड महामारी के दौरान लोगों के घरों पर सब्जियां पहुंची। उस दरम्यान तमाम युवाओं को रोजगार भी मिला और किसानों समेत लोगों की समस्या भी हल हुई।

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