देश में जब हाई सैलरी वाले जॉब की बात होती है तो ज्यादातर लोग आईआईटी और आईआईएम से ग्रेजुएशन करने वालों की तरफ देखते हैं। पर महाराष्ट्र के नागपुर के प्रमोद गौतम ने इंजीनियरिंग के बाद खेती किसानी का काम शुरु किया और आज वह महाराष्ट्र के सफल किसानों में गिने जाते हैं।
नागपुर। देश में जब हाई सैलरी वाले जॉब की बात होती है तो ज्यादातर लोग आईआईटी और आईआईएम से ग्रेजुएशन करने वालों की तरफ देखते हैं। पर महाराष्ट्र के नागपुर के प्रमोद गौतम ने इंजीनियरिंग के बाद खेती किसानी का काम शुरु किया और आज वह महाराष्ट्र के सफल किसानों में गिने जाते हैं। वर्तमान में वह बड़ी बड़ी कम्पनियों के सीईओ से भी अधिक कमाते हैं।
2006 में नौकरी छोड़ी, किसान बनने का लिया फैसला
प्रमोद गौतम ने नागपुर स्थित यशवंतराव चव्हाण कॉलेज से ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद जॉब शुरु कर दी। हर महीने मोटी सैलरी भी पाते थे। पर वह जॉब करके संतुष्ट नहीं थे। उनका अपना कुछ करने का मन था। साल 2006 में प्रमोद गौतम ने नौकरी छोड़ी और किसान बनने का फैसला लिया। उनके पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन भी थे। 26 एकड़ पुश्तैनी जमीन थी।
शुरुआत में खेती किसानी के मामलों ने उलझाया
प्रमोद गौतम यह भी जान रहे थे कि परम्परागत खेती से कुछ बड़ा हासिल होने वाला नहीं है तो उन्होंने खेती की नई तकनीक के बारे में जानकारी शुरु की। नई तकनीक के फायदे जानकर वह आगे बढ़ें। शुरुआत में उन्हें खेती किसानी के मामलों को समझने में समय लगा। पर आज वह एक मुकाम हासिल कर चुके हैं। नागपुर के प्रतिष्ठित किसानों में उनकी गिनती होती है। खुद किसानी के साथ वह अन्य किसानों को खेती के नये गुर सीखा रहे हैं।
मॉर्डन इक्विपमेंट का यूज कर शुरु किया काम
शुरुआती दिनों में प्रमोद गौतम ने मूंगफली, हल्दी की खेती शुरु की। अधिक कमाई नहीं हो सकी पर नये अनुभव मिले। सबसे ज्यादा दिक्कत उन्हें श्रमिकों को लेकर हुई, इस समस्या को हल करने के लिए उन्होंने ऐसी तकनीक के बारे में जानना शुरु किया। जिसमें श्रमिक बल की कम जरुरत पड़ती थी। फिर उन्होंने खेती किसानी में उपयोग होने वाले आधुनिक इक्विपमेंट का यूज शुरु किया। ऐसे ट्रैक्टर से काम शुरु किया, जो बिना ड्राइवर के चलती है।
दाल के कारोबार से हुई तरक्की
प्रमोद गौतम ने हल्दी और मूंगफली की खेती में ज्यादा सफलता नहीं मिलने पर दलहन यानी दालों की खेती शुरु की। बागवानी की तरफ भी ध्यान दिया। अमरुद, नींबू, संतरा के पौधे लगाएं। तूर दालों की खेती शुरु की। दाल की फसल अच्छी हुई तो उन्होंने अपनी खुद की मिल लगा दी और दालों का कारोबार शुरु कर दिया। कच्चे दालों से लेकर पैकेटबंद दाल तक की बिक्री होने लगी। उनका यह कारोबार तरक्की कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रमोद गौतम का सालाना टर्नओवर एक करोड़ रुपये का है। बागवानी और खेती से भी 10-12 लाख रुपये की कमाई है।
Last Updated Sep 8, 2023, 7:22 PM IST