मुंबई। मुंबई के रहने वाले टैरोनीश बुलसारा को बचपन से ही पशुओं (एनिमल्स) से इतना लगाव था कि सड़क पर घूमने वाले बेसहारा डॉग्स और कैट्स की मदद करने लगे। बेसहारा पशुओं के इलाज के साथ उन्हें अच्छा घर दिलाने में जुट गएं। साल 2012 से एडॉप्टाथॉन (PET ADOPTION CAMP) आयोजित करना शुरु कर दिया, जिसका आयोजन साल 2019 तक लगातार हुआ। अब कोरोना महामारी के बाद 9-10 दिसम्बर को थेरेसा बॉयज़ हाई स्कूल, बांद्रा वेस्ट, मुंबई में एडॉप्टाथॉन-2023 आयोजित कर रहे हैं। माई नेशन हिंदी से बातचीत में टैरोनीश बुलसारा ने अपनी जर्नी शेयर की है। 

2010 से कर रहे हैं बेजुबानों की मदद

टैरोनीश बुलसारा की बेजुबान-बेसहारा जानवरों की मदद करने की जर्नी साल 2010 से ही शुरु हो गई थी। रूचि नाडकर्णी के साथ मिलकर वर्ल्ड फॉर ऑल एनिमल केयर (WFA) संस्था की शुरुआत की। तब उन्हें काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था। हालत यह थी कि डॉग्स और कैट्स के साथ सड़कों पर ही रहना पड़ता था। बुलसारा कहते हैं कि अब काफी अवेयरनेस आ गया है। अब तक करीबन 6000 एनिमल्स को घर दिलाया है। 

वर्षों तक दोस्त बोलते रहें-क्यों कर रहे हो ये काम?
 
टैरोनीश बुलसारा कहते हैं कि काफी वर्षों तक फ्रेंडस बोलते रहें कि आप एजूकेटेड पर्सन हो, फिर ये काम क्यों कर रहे हो? पर मैं सोचता था कि यदि लोग फर्नीचर बनाकर-बेचकर अपनी गृहस्थी चला सकते हैं तो हम जरुरतमंद एनिमल्स के लिए कुछ करके सर्वाइव क्यों नहीं कर सकते। समाज में एक भावना है कि यदि हम प्रोडक्ट या उससे जुड़ी कुछ चीजें बेचें तो अच्छी बात है, पर संस्था बनाकर कुछ काम करने वालों का कुछ नहीं हो सकता, पर हमारी सोच शुरु से ही यही थी कि अच्छे काम को बढ़ावा देना है। 

 

अब तक 12 हजार से ज्यादा एनिमल कर चुके हैं रेस्क्यू

टैरोनीश की टीम अब तक 12 हजार से ज्यादा एनिमल्स को रेस्क्यू कर चुकी है। साल 2012 से ही बेजुबानों के लिए एम्बुलेंस है। शहर में सोमवार से शनिवार तक तीन एम्बुलेंस घूमती है। टैरोनीश कहते हैं कि कभी-कभी इमरजेंसी में रविवार को भी एम्बुलेंस काम पर निकलती हैं। एक दिन में 40 केस होता है, जो एनिमल ज्यादा घायल होते हैं, उनको हॉस्पिटल लेकर आते हैं। 

एडॉप्टाथॉन-2019 में डॉग्स और कैट्स लोगों ने लिए गोद

एडॉप्टाथॉन-2019 में 115 डॉग्स और कैट्स को लोगों ने गोद लिया था। एडॉप्टाथॉन-2023 में 110-110 डॉग्स और कैट्स होंगे। यह आठवां एडॉप्टाथॉन होगा। टैरोनीश कहते हैं कि स्ट्रीट डॉग्स और कैट्स को लोग ज्यादा पसंद नहीं करते हैं। ऐसा नहीं कि वह जंगली हैं या फिर पालतू नहीं हो सकते हैं। यदि उन्हें साफ सुथरा रखें तो वह भी अच्छा दिखेंगे।

क्या है वर्ल्ड फॉर ऑल एनिमल केयर (WFA)?

वर्ल्ड फॉर ऑल एनिमल केयर एंड एडॉप्शन (World For All Animal Care and Adoptions) सड़कों पर पर घूमने वाले बेजुबान और बेसहारा जानवरों की मदद करती है। संस्था के फाउंडर टैरोनीश बुलसारा कहते हैं कि हमारी कोशिश है कि ह्यूमन और एनिमल के बीच एक ऐसी सोसाइटी बनाएं, जिसमें एनिमल के प्रति सहानुभूति हो। WFA की टीम बेसहारा जानवरों के इलाज, पुनर्वास, गोद लेने यानी घर दिलाने और हेल्दी स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी करने का भी काम करती है। साथ ही लोगों को जागरूक भी करती है, ताकि लोगों का ऐसे एनिमल के प्रति साफ्ट बिहैवियर हो। 

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