बोकारो। 'कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो'
यह शेर उन लोगों पर बिल्कुल सटीक बैठता है जिनके हौसले बुलंद होते हैं और वह मेहनत करके किसी भी मुकाम तक पहुंचने में अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं। झारखंड के इरफान भाटी उन्ही लोगों में है जिन्हे गूगल ने एक करोड़ 20 लाख का पैकेज ऑफर किया है। इरफान की इस उपलब्धि पर उनके परिवार के लोग उनके शहर के लोग यहां तक की उनके राज्य के लोग उन पर गर्व महसूस कर रहे हैं।

कौन है इरफान भाटी
बोकारो के गोमिया प्रखंड के आईईएल मस्जिद मोहल्ला में इरफान का घर है। उनके पिता का नाम अब्दुल कादिर भाटी है इरफान सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।  उन्होंने 2014 में पिट्स मॉडर्न स्कूल से 12वीं किया और उसके बाद पश्चिम बंगाल के हल्दिया में इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। साल 2019 में बाईजूस  और फ्लिपकार्ट में डेढ़ साल काम किया। इसी दौरान उनकी मां रुखसाना की मौत हो गई जिसने इरफान को तोड़ कर रख दिया।  इरफान पहले भी गूगल इंडिया में नौकरी कर रहे थे। पहले वह गूगल मैप डिपार्टमेंट में काम  कर रहे थे जहां उन्हें 40 लाख का पैकेज दिया जा रहा था लेकिन इरफान लगातार कोशिश कर रहे थे और आखिर इरफान को गूगल लंदन में एक करोड़ 20 लाख के पैकेज पर नौकरी मिल गई। 

इरफान के दादा कबाड़ उठाते थे
इरफान एक बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बचपन से ही इंजीनियर बनने का शौक था जब वह दसवीं में थे तब सेल्फ लर्निंग से उन्होंने एक एप्लीकेशन तैयार किया था। इसके बाद उनकी काफी हौसला अफजाई हुई और उन्होंने तय किया कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनेंगे।इरफ़ान पढ़ने में शुरू से तेज़ थे और नयी नयी चीज़ें इनोवेट करते रहते थे।  उन के दादा मकबूल भाटी आईइएल कंपनी में स्क्रैप उठाते थे। उनके पिता अब्दुल कादिर स्क्रैप ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ा बिजनेस करते थे।

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