नयी दिल्ली। नयी दिल्ली के ऋषभ जालान ने लास्ट जर्नी स्टार्टअप शुरू किया है, जो अंतिम संस्कार के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराता है। माय नेशन हिंदी से बात करते हुए वह कहते हैं कि जिनके ​घर में भी डेथ होती है। उनका दिमाग काम करना बंद कर देता है कि कैसे अंतिम संस्कार किया जाए। ऐसे में यदि कोई प्रोफेशन शख्स आगे आए तो उनके लिए हेल्पफुल होता है। शहरों में रहने वाले ज्यादातर लोग कहीं न कहीं से आकर बसे हैं या परिवार काफी छोटा है। उनको नहीं पता होता कि ऐसे समय में क्या रीति-रिवाज होते हैं? कौन से प्रीस्ट को बुलाया जाए? या कौन सी पूजा होती है? लास्‍ट जर्नी अब तक 25 से 30 हजार लोगों को अंतिम संस्कार की सुविधाएं उपलब्ध करा चुका है।

लास्ट जर्नी स्टार्टअप का कैसे आया आइडिया?

दिल्ली के ऋषभ कहते हैं कि कोई भी व्यक्तिगत अनुभव से ही ऑफबीट चीजें करता है। मतलब जब किसी की जिंदगी में कुछ ऐसी चीजें घटती हैं। जिसे देखकर उसे लगता है कि इस क्षेत्र में सहयोग की आवश्यकता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। मेरे एक रिलेटिव का देहांत हो गया था। उनकी उम्र 80 साल थी। अपनी जिंदगी में उन्होंने फैमिली के लिए बहुत कुछ किया। उनके अंतिम संस्कार के समय आई मुश्किलों को देखकर लगा कि इस क्षेत्र में सहयोग की जरूरत है। किसी व्यक्ति को 80 साल तक आप फैमिली मेंबर मानते हो। पर जैसे ही वह शव हो जाता है। लोग सोचते हैं कि कितनी जल्दी उन्हें घाट पर ले जाएं। लोगों की इस मानसिकता को बदलना बहुत आवश्यक है। 

लास्ट जर्नी क्या सुविधाएं उपलब्ध कराता है?

लास्ट जर्नी स्टार्टअप शव के लिए एम्बुलेंस से लेकर श्मशान घाट तक पूजा-पाठ और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराता है। यदि मृत व्यक्ति का कोई रिश्तेदार दूर रहता है तो प्रमाणित डॉक्टर के जरिए डेड बॉडी को प्रिजर्व करने का भी ध्यान रखा जाता है। ताकि दूर रहने वाले रिश्तेदार या परिवार के लोग भी मृतक का अंतिम दर्शन कर सकें। यह स्टार्टअप मुंबई, चेन्नई, इंदौर, बेंगलुरू और हैदराबाद समेत कई शहरों में लोगों को फ्यूनरल सर्विसेज उपलब्ध करा चुका है। ऋषभ जालान का मकसद है कि अपनों की मौत के बाद किसी को अंतिम संस्कार के लिए परेशान न होना पड़े।

कॉमर्शियल इनवायरमेंट में भी बनाई अलग पहचान

वैसे देखा जाए तो लोग मोटा मुनाफा कमाने के मकसद से स्टार्टअप की शुरूआत करते हैं। ऐसे कॉमर्शियल इनवायरमेंट में अंतिम संस्कार की सुविधाओं के लिए कंपनी शुरू करने के बारे में भी सोचना मुश्किल है। फिर भी ऋषभ जालान के दिल्ली बेस्ड स्टार्टअप ‘लास्ट जर्नी’ ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। पंडित से लेकर कंधा देने और अस्थि विसर्जन तक की सर्विसेज उपलब्ध कराते हैं। कोरोना महामारी के समय भी लोगों की अंतिम संस्कार में मदद की। 

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